Jo Raah Chuni Tune Songtext
von Kishore Kumar
Jo Raah Chuni Tune Songtext
जो राह चुनी तूने...
अरे, जो राह चुनी तूने, उसी राह पे राही चलते जाना रे
हो कितनी भी लंबी रात...
अरे, हो, हो कितनी भी लंबी रात, दीया बन जलते जाना रे
...उसी राह पे राही चलते जाना रे
जो राह चुनी तूने, उसी राह पे राही चलते जाना रे
कभी पेड़ का साया पेड़ के काम ना आया
हो, कभी पेड़ का साया पेड़ के काम ना आया
अरे, सेवा में सभी की उसने जनम बिताया
हो, कोई कितने भी फल तोड़े...
अरे, हो, कोई कितने भी फल तोड़े, उसे तो है फलते जाना रे
...उसी राह पे राही चलते जाना रे
तेरी अपनी कहानी ये दर्पण बोल रहा है
हो, तेरी अपनी कहानी ये दर्पण बोल रहा है
भीगी आँख का पानी हक़ीक़त खोल रहा है
हो, जिस रंग में ढाले...
अरे, हो, जिस रंग में ढाले वक़्त, मुसाफ़िर ढलते जाना रे
...उसी राह पे राही चलते जाना रे
जीवन के सफ़र में ऐसे भी मोड़ हैं आते
हो, जीवन के सफ़र में ऐसे भी मोड़ हैं आते
जहाँ चल देते हैं अपने भी तोड़ के नाते
कहीं धीरज छूट ना जाए...
अरे, हो, कहीं धीरज छूट ना जाए, तू देख सँभलते जाना रे
...उसी राह पे राही चलते जाना रे
तेरे प्यार की माला कहीं जो टूट भी जाए
हो, तेरे प्यार की माला कहीं जो टूट भी जाए
जन्मों का साथी कभी जो छूट भी जाए
दे-दे कर झूठी आस...
अरे, हो, दे-दे कर झूठी आस तू खुद को छलते जाना रे
उसी राह पे राही चलते जाना रे
हो कितनी भी लंबी रात...
अरे, हो, हो कितनी भी लंबी रात, दीया बन जलते जाना रे
...उसी राह पे राही चलते जाना रे
...उसी राह पे राही चलते जाना रे
...उसी राह पे राही चलते जाना रे
अरे, जो राह चुनी तूने, उसी राह पे राही चलते जाना रे
हो कितनी भी लंबी रात...
अरे, हो, हो कितनी भी लंबी रात, दीया बन जलते जाना रे
...उसी राह पे राही चलते जाना रे
जो राह चुनी तूने, उसी राह पे राही चलते जाना रे
कभी पेड़ का साया पेड़ के काम ना आया
हो, कभी पेड़ का साया पेड़ के काम ना आया
अरे, सेवा में सभी की उसने जनम बिताया
हो, कोई कितने भी फल तोड़े...
अरे, हो, कोई कितने भी फल तोड़े, उसे तो है फलते जाना रे
...उसी राह पे राही चलते जाना रे
तेरी अपनी कहानी ये दर्पण बोल रहा है
हो, तेरी अपनी कहानी ये दर्पण बोल रहा है
भीगी आँख का पानी हक़ीक़त खोल रहा है
हो, जिस रंग में ढाले...
अरे, हो, जिस रंग में ढाले वक़्त, मुसाफ़िर ढलते जाना रे
...उसी राह पे राही चलते जाना रे
जीवन के सफ़र में ऐसे भी मोड़ हैं आते
हो, जीवन के सफ़र में ऐसे भी मोड़ हैं आते
जहाँ चल देते हैं अपने भी तोड़ के नाते
कहीं धीरज छूट ना जाए...
अरे, हो, कहीं धीरज छूट ना जाए, तू देख सँभलते जाना रे
...उसी राह पे राही चलते जाना रे
तेरे प्यार की माला कहीं जो टूट भी जाए
हो, तेरे प्यार की माला कहीं जो टूट भी जाए
जन्मों का साथी कभी जो छूट भी जाए
दे-दे कर झूठी आस...
अरे, हो, दे-दे कर झूठी आस तू खुद को छलते जाना रे
उसी राह पे राही चलते जाना रे
हो कितनी भी लंबी रात...
अरे, हो, हो कितनी भी लंबी रात, दीया बन जलते जाना रे
...उसी राह पे राही चलते जाना रे
...उसी राह पे राही चलते जाना रे
...उसी राह पे राही चलते जाना रे
Writer(s): Ravindra Jain, M. G. Hashmat Lyrics powered by www.musixmatch.com