Jis Dil Mein Pyar Na Ho Songtext
von Kishore Kumar
Jis Dil Mein Pyar Na Ho Songtext
जिस दिल में प्यार ना हो, उस दिल में क्यूँ रहूँ?
जिस दिल में प्यार ना हो, उस दिल में क्यूँ रहूँ?
मैं ग़म का आँसू क्यूँ बनू?
आँखों से बहता क्यूँ रहूँ?
जिस दिल में प्यार ना हो उस दिल में क्यूँ रहूँ?
जिस दिल में प्यार ना हो
जिसे घर समझता हूँ मैं, उसमें कोई तो होता
जिसे घर समझता हूँ मैं, उसमें कोई तो होता
मेरा दर्दे दिल समझता, मेरे दुख में साथ रोता
मैं दिल के दुश्मनों को इस दिल की क्यूँ कहूँ?
मैं दिल के दुश्मनों को इस दिल की क्यूँ कहूँ?
मैं ग़म का आँसू क्यूँ बनू?
आँखों से बहता क्यूँ रहूँ?
जिस दिल में प्यार ना हो, उस दिल में क्यूँ रहूँ?
जिस दिल में प्यार ना हो
सदियों से ज़िन्दगी में कुछ आग ऐसी सुलगी
सदियों से ज़िन्दगी में कुछ आग ऐसी सुलगी
पीकर ज़हर भी देखा, नहीं प्यास बुझी मेरे दिल की
इस प्यास में हमेशा मैं तड़पता क्यूँ रहूँ?
इस प्यास में हमेशा मैं तड़पता क्यूँ रहूँ?
मैं ग़म का आँसू क्यूँ बनू?
आँखों से बहता क्यूँ रहूँ?
जिस दिल में प्यार ना हो, उस दिल में क्यूँ रहूँ?
जिस दिल में प्यार ना हो
जिस दिल में प्यार ना हो, उस दिल में क्यूँ रहूँ?
मैं ग़म का आँसू क्यूँ बनू?
आँखों से बहता क्यूँ रहूँ?
जिस दिल में प्यार ना हो उस दिल में क्यूँ रहूँ?
जिस दिल में प्यार ना हो
जिसे घर समझता हूँ मैं, उसमें कोई तो होता
जिसे घर समझता हूँ मैं, उसमें कोई तो होता
मेरा दर्दे दिल समझता, मेरे दुख में साथ रोता
मैं दिल के दुश्मनों को इस दिल की क्यूँ कहूँ?
मैं दिल के दुश्मनों को इस दिल की क्यूँ कहूँ?
मैं ग़म का आँसू क्यूँ बनू?
आँखों से बहता क्यूँ रहूँ?
जिस दिल में प्यार ना हो, उस दिल में क्यूँ रहूँ?
जिस दिल में प्यार ना हो
सदियों से ज़िन्दगी में कुछ आग ऐसी सुलगी
सदियों से ज़िन्दगी में कुछ आग ऐसी सुलगी
पीकर ज़हर भी देखा, नहीं प्यास बुझी मेरे दिल की
इस प्यास में हमेशा मैं तड़पता क्यूँ रहूँ?
इस प्यास में हमेशा मैं तड़पता क्यूँ रहूँ?
मैं ग़म का आँसू क्यूँ बनू?
आँखों से बहता क्यूँ रहूँ?
जिस दिल में प्यार ना हो, उस दिल में क्यूँ रहूँ?
जिस दिल में प्यार ना हो
Writer(s): M.g. Hashmat Lyrics powered by www.musixmatch.com