Sab Kuch Kaisa Achha Songtext
von Ghulam Ali
Sab Kuch Kaisa Achha Songtext
सब कुछ कैसा अच्छा-अच्छा लगता था
सब कुछ कैसा अच्छा-अच्छा लगता था
तू मेरा और मैं तेरा आईना था
सब कुछ कैसा अच्छा-अच्छा लगता था
एक ज़माना बीत गया, कुछ याद नहीं
एक ज़माना बीत गया, कुछ याद नहीं, कुछ याद नहीं
तू था या वो कोई तेरे जैसा था?
तू था या वो कोई तेरे जैसा था?
तू मेरा और मैं तेरा आईना था
सब कुछ कैसा अच्छा-अच्छा लगता था
जब भी आता दिल ही दुखाता था लेकिन
जब भी आता दिल ही दुखाता था लेकिन, लेकिन
ऐसा शख़्स था फिर भी अच्छा लगता था
ऐसा शख़्स था फिर भी अच्छा लगता था
तू मेरा और मैं तेरा आईना था
सब कुछ कैसा अच्छा-अच्छा लगता था
इक आहट सी जैसे दिल तक आई थी
इक आहट सी जैसे दिल तक आई थी, आई थी
इसके बाद ज़मानों तक सन्नाटा था
इसके बाद ज़मानों तक सन्नाटा था
तू मेरा और मैं तेरा आईना था
सब कुछ कैसा अच्छा-अच्छा लगता था
सब कुछ कैसा अच्छा-अच्छा लगता था
सब कुछ कैसा अच्छा-अच्छा लगता था
सब कुछ कैसा अच्छा-अच्छा लगता था
सब कुछ कैसा अच्छा-अच्छा लगता था
तू मेरा और मैं तेरा आईना था
सब कुछ कैसा अच्छा-अच्छा लगता था
एक ज़माना बीत गया, कुछ याद नहीं
एक ज़माना बीत गया, कुछ याद नहीं, कुछ याद नहीं
तू था या वो कोई तेरे जैसा था?
तू था या वो कोई तेरे जैसा था?
तू मेरा और मैं तेरा आईना था
सब कुछ कैसा अच्छा-अच्छा लगता था
जब भी आता दिल ही दुखाता था लेकिन
जब भी आता दिल ही दुखाता था लेकिन, लेकिन
ऐसा शख़्स था फिर भी अच्छा लगता था
ऐसा शख़्स था फिर भी अच्छा लगता था
तू मेरा और मैं तेरा आईना था
सब कुछ कैसा अच्छा-अच्छा लगता था
इक आहट सी जैसे दिल तक आई थी
इक आहट सी जैसे दिल तक आई थी, आई थी
इसके बाद ज़मानों तक सन्नाटा था
इसके बाद ज़मानों तक सन्नाटा था
तू मेरा और मैं तेरा आईना था
सब कुछ कैसा अच्छा-अच्छा लगता था
सब कुछ कैसा अच्छा-अच्छा लगता था
सब कुछ कैसा अच्छा-अच्छा लगता था
सब कुछ कैसा अच्छा-अच्छा लगता था
Writer(s): Ghulam Ali Lyrics powered by www.musixmatch.com