Dil Mein Ek Lehar Si Uthi Hai Abhi Songtext
von Ghulam Ali
Dil Mein Ek Lehar Si Uthi Hai Abhi Songtext
दिल में इक लहर सी उठी है अभी
कोई ताज़ा हवा चली है अभी
शोर बरपा है ख़ाना-ए-दिल में, कोई दीवार सी गिरी है अभी
कोई ताज़ा हवा चली है अभी
दिल में इक लहर सी उठी है अभी
भरी दुनिया में जी नहीं लगता, जाने किस चीज़ की कमी है अभी
कोई ताज़ा हवा चली है अभी, दिल में इक लहर सी उठी है अभी
कुछ तो नाज़ुक मिज़ाज हैं हम भी
हम भी
कुछ तो नाज़ुक मिज़ाज हैं हम भी और ये चोट भी नयी है अभी
कोई ताज़ा हवा चली है अभी, दिल में इक लहर सी उठी है अभी
शहर की बेचिराग़ गलियों में
गलियों में
शहर की बेचिराग़ गलियों में, ज़िंदगी तुझको ढूँढती है अभी
कोई ताज़ा हवा चली है अभी
दिल में इक लहर सी उठी है अभी
कोई ताज़ा हवा चली है अभी
शोर बरपा है ख़ाना-ए-दिल में, कोई दीवार सी गिरी है अभी
कोई ताज़ा हवा चली है अभी
दिल में इक लहर सी उठी है अभी
भरी दुनिया में जी नहीं लगता, जाने किस चीज़ की कमी है अभी
कोई ताज़ा हवा चली है अभी, दिल में इक लहर सी उठी है अभी
कुछ तो नाज़ुक मिज़ाज हैं हम भी
हम भी
कुछ तो नाज़ुक मिज़ाज हैं हम भी और ये चोट भी नयी है अभी
कोई ताज़ा हवा चली है अभी, दिल में इक लहर सी उठी है अभी
शहर की बेचिराग़ गलियों में
गलियों में
शहर की बेचिराग़ गलियों में, ज़िंदगी तुझको ढूँढती है अभी
कोई ताज़ा हवा चली है अभी
दिल में इक लहर सी उठी है अभी
Writer(s): Nasir Kazmi, Ghulam Ali Sh Lyrics powered by www.musixmatch.com