Apni Tasveer Ko Aankhon Se Lagata Kya Hai Songtext
von Ghulam Ali
Apni Tasveer Ko Aankhon Se Lagata Kya Hai Songtext
अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है?
अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है?
इक नज़र मेरी तरफ़ भी, तेरा जाता क्या है?
अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है?
मेरी रुसवाई में वो भी हैं बराबर के शरीक
मेरी रुसवाई में वो भी हैं बराबर के शरीक
मेरे क़िस्से मेरे यारों को सुनाता क्या है?
अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है?
पास रह कर भी ना पहचान सका तू मुझको
पास रह कर भी ना पहचान सका तू मुझको
दूर से देख के अब हाथ हिलाता क्या है?
दूर से देख के अब हाथ हिलाता क्या है?
अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है?
उम्र-भर अपने गरेबाँ से उलझने वाले
उम्र-भर अपने गरेबाँ से उलझने वाले
तू मुझे मेरे ही साए से डराता क्या है?
अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है?
मैं तेरा कुछ भी नहीं हूँ, मगर इतना तो बता
मैं तेरा कुछ भी नहीं हूँ, मगर इतना तो बता
देख कर मुझको तेरे ज़हन में आता क्या है?
देख कर मुझको तेरे ज़हन में आता क्या है?
अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है?
इक नज़र मेरी तरफ़ भी, तेरा जाता क्या है?
अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है?
अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है?
इक नज़र मेरी तरफ़ भी, तेरा जाता क्या है?
अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है?
मेरी रुसवाई में वो भी हैं बराबर के शरीक
मेरी रुसवाई में वो भी हैं बराबर के शरीक
मेरे क़िस्से मेरे यारों को सुनाता क्या है?
अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है?
पास रह कर भी ना पहचान सका तू मुझको
पास रह कर भी ना पहचान सका तू मुझको
दूर से देख के अब हाथ हिलाता क्या है?
दूर से देख के अब हाथ हिलाता क्या है?
अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है?
उम्र-भर अपने गरेबाँ से उलझने वाले
उम्र-भर अपने गरेबाँ से उलझने वाले
तू मुझे मेरे ही साए से डराता क्या है?
अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है?
मैं तेरा कुछ भी नहीं हूँ, मगर इतना तो बता
मैं तेरा कुछ भी नहीं हूँ, मगर इतना तो बता
देख कर मुझको तेरे ज़हन में आता क्या है?
देख कर मुझको तेरे ज़हन में आता क्या है?
अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है?
इक नज़र मेरी तरफ़ भी, तेरा जाता क्या है?
अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है?
Writer(s): Shahzad Ahmad Shahzad Lyrics powered by www.musixmatch.com