Saiiyan Songtext
von Sunidhi Chauhan
Saiiyan Songtext
आएगा किसी दिन म्हारा वो केसरिया, सैयाँ-सैयाँ
आएगा किसी दिन म्हारा वो केसरिया, सैयाँ-सैयाँ
आएगा किसी दिन म्हारा वो केसरिया, सैयाँ-सैयाँ
आएगा किसी दिन म्हारा वो केसरिया, सैयाँ-सैयाँ
सैयाँ
हवा के परों पे मेरा आशियाना, सैयाँ
कहीं वादियों में है मेरा ठिकाना, सैयाँ
हवा के परों पे मेरा आशियाना
कहीं वादियों में है मेरा ठिकाना
हो, मैं आज़ाद पंक्षी हूँ नीले गगन की
ये मैं भी ना जानूँ कहाँ मुझको जाना, सैयाँ
हवा के परों पे मेरा आशियाना
कहीं वादियों में है मेरा ठिकाना
कोई खाबों में भी, ओ, आने-जाने लगा, हाँ
एक चेहरा मेरा दिल चुराने लगा
मैं कहाँ खो गई? बन गई बाँवरी
लो चली, चल पड़ी प्रीत के गाँव री
हो, मैं आज़ाद पंक्षी हूँ नीले गगन की
ये मैं भी ना जानूँ कहाँ मुझको जाना, सैयाँ
हवा के परों पे मेरा आशियाना
कहीं वादियों में है मेरा ठिकाना, सैयाँ
सैयाँ, सैयाँ, सैयाँ, सैयाँ
रोके से ना रुकूँ, क़समों को तोड़ दूँ, हाँ
कोई कुछ भी कहे रश्मों को तोड़ दूँ
हैं सभी से जुदा ये मेरे रास्ते
मस्तियों का समाँ है मेरे वास्ते
हो, मैं आज़ाद पंक्षी हूँ नीले गगन की
ये मैं भी ना जानूँ कहाँ मुझको जाना, सैयाँ
हवा के परों पे मेरा आशियाना
कहीं वादियों में है मेरा ठिकाना
आएगा किसी दिन म्हारा वो केसरिया, सैयाँ-सैयाँ
आएगा किसी दिन म्हारा वो केसरिया, सैयाँ-सैयाँ
आएगा किसी दिन म्हारा वो केसरिया, सैयाँ-सैयाँ
आएगा किसी दिन म्हारा वो केसरिया, सैयाँ-सैयाँ
आएगा किसी दिन म्हारा वो केसरिया, सैयाँ-सैयाँ
आएगा किसी दिन म्हारा वो केसरिया, सैयाँ-सैयाँ
आएगा किसी दिन म्हारा वो केसरिया, सैयाँ-सैयाँ
सैयाँ
हवा के परों पे मेरा आशियाना, सैयाँ
कहीं वादियों में है मेरा ठिकाना, सैयाँ
हवा के परों पे मेरा आशियाना
कहीं वादियों में है मेरा ठिकाना
हो, मैं आज़ाद पंक्षी हूँ नीले गगन की
ये मैं भी ना जानूँ कहाँ मुझको जाना, सैयाँ
हवा के परों पे मेरा आशियाना
कहीं वादियों में है मेरा ठिकाना
कोई खाबों में भी, ओ, आने-जाने लगा, हाँ
एक चेहरा मेरा दिल चुराने लगा
मैं कहाँ खो गई? बन गई बाँवरी
लो चली, चल पड़ी प्रीत के गाँव री
हो, मैं आज़ाद पंक्षी हूँ नीले गगन की
ये मैं भी ना जानूँ कहाँ मुझको जाना, सैयाँ
हवा के परों पे मेरा आशियाना
कहीं वादियों में है मेरा ठिकाना, सैयाँ
सैयाँ, सैयाँ, सैयाँ, सैयाँ
रोके से ना रुकूँ, क़समों को तोड़ दूँ, हाँ
कोई कुछ भी कहे रश्मों को तोड़ दूँ
हैं सभी से जुदा ये मेरे रास्ते
मस्तियों का समाँ है मेरे वास्ते
हो, मैं आज़ाद पंक्षी हूँ नीले गगन की
ये मैं भी ना जानूँ कहाँ मुझको जाना, सैयाँ
हवा के परों पे मेरा आशियाना
कहीं वादियों में है मेरा ठिकाना
आएगा किसी दिन म्हारा वो केसरिया, सैयाँ-सैयाँ
आएगा किसी दिन म्हारा वो केसरिया, सैयाँ-सैयाँ
आएगा किसी दिन म्हारा वो केसरिया, सैयाँ-सैयाँ
आएगा किसी दिन म्हारा वो केसरिया, सैयाँ-सैयाँ
Writer(s): Sameer Anjaan, Anu Malik Lyrics powered by www.musixmatch.com