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Mubarak Ho Mubarak Ho Songtext
von Kumar Sanu

Mubarak Ho Mubarak Ho Songtext

मुबारक हो
मोहब्बत गुनगुनाती है
तुम्हारा दिल धड़कता है
मुझे आवाज़ आती है
मुझे आवाज़ आती है

मुबारक हो, मुबारक हो
मोहब्बत गुनगुनाती है
तुम्हारा दिल धड़कता है
मुझे आवाज़ आती है

मुबारक हो, मुबारक हो
मोहब्बत गुनगुनाती है
तुम्हारा दिल धड़कता है
मुझे आवाज़ आती है

कहीं जाऊँ जुदा होता
नहीं दिल तेरी महफ़िल से
नहीं मालूम, क्या रिश्ता है
इस दिल का तेरे दिल से


ये क्या दीवानगी है?
प्यार का ये सिलसिला क्या है?
ना नींद आए, ना चैन आए
मुझे आख़िर हुआ क्या है?
मुझे आख़िर हुआ क्या है?

कहीं जाऊँ मोहब्बत
दर पे तेरे खिंच लाती है
तुम्हारा दिल धड़कता है
मुझे आवाज़ आती है
मुझे आवाज़ आती है

बता, जान-ए-तमन्ना, देखा कर
तुझ को मैं किधर देखूँ?
मुझे बस तू नज़र आए
जहाँ देखूँ, जिधर देखूँ

तुझे मैं क्यूँ नहीं चूमूँ?
ये जाने ज़िंदगी तू है
तुझे मैं क्यूँ नहीं पूजूँ?
कि जाने आशिक़ी तू है
हाँ, जाने आशिक़ी तू है

हमारी ज़िंदगी तेरे
लबों से गीत गाती है
तुम्हारा दिल धड़कता है
मुझे आवाज़ आती है
मुझे आवाज़ आती है


मुबारक हो, मुबारक हो
मोहब्बत गुनगुनाती है
तुम्हारा दिल धड़कता है
मुझे आवाज़ आती है
मुझे आवाज़ आती है

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