Dil Mere Songtext
von Kumar Sanu
Dil Mere Songtext
दिल मेरे तू दीवाना है, पागल है मैंने माना है
पल-पल आहें भरता है, कहने से क्यूँ डरता है?
दिल मेरे तू दीवाना है, पागल है मैंने माना है
पल-पल आहें भरता है, कहने से क्यूँ डरता है?
दिल मेरे तू दीवाना है
खामोशियों की ज़ुबाँ कोई ना समझे यहाँ
सेहरा मैं गुल खिलते नहीं, मिल के कभी मिलते नहीं
जाने है किसकी खता
अनजानी ये राहें, मंज़िल का देंगी पता
दिल मेरे तू दीवाना है, पागल है मैंने माना है
पल-पल आहें भरता है, कहने से क्यूँ डरता है?
दिल मेरे तू दीवाना है
नदियों को एहसास है, सागर में भी प्यास है
माना के है अँधेरा घना, किसने किया तुझको मना?
तारों की शम्मा जला
सच होते सपने भी मैंने है ऐसा सुना
दिल मेरे तू दीवाना है, पागल है मैंने माना है
पल-पल आहें भरता है, कहने से क्यूँ डरता है?
दिल मेरे तू दीवाना है, पागल है मैंने माना है
पल-पल आहें भरता है, कहने से क्यूँ डरता है?
पल-पल आहें भरता है, कहने से क्यूँ डरता है?
पल-पल आहें भरता है, कहने से क्यूँ डरता है?
दिल मेरे तू दीवाना है, पागल है मैंने माना है
पल-पल आहें भरता है, कहने से क्यूँ डरता है?
दिल मेरे तू दीवाना है
खामोशियों की ज़ुबाँ कोई ना समझे यहाँ
सेहरा मैं गुल खिलते नहीं, मिल के कभी मिलते नहीं
जाने है किसकी खता
अनजानी ये राहें, मंज़िल का देंगी पता
दिल मेरे तू दीवाना है, पागल है मैंने माना है
पल-पल आहें भरता है, कहने से क्यूँ डरता है?
दिल मेरे तू दीवाना है
नदियों को एहसास है, सागर में भी प्यास है
माना के है अँधेरा घना, किसने किया तुझको मना?
तारों की शम्मा जला
सच होते सपने भी मैंने है ऐसा सुना
दिल मेरे तू दीवाना है, पागल है मैंने माना है
पल-पल आहें भरता है, कहने से क्यूँ डरता है?
दिल मेरे तू दीवाना है, पागल है मैंने माना है
पल-पल आहें भरता है, कहने से क्यूँ डरता है?
पल-पल आहें भरता है, कहने से क्यूँ डरता है?
Writer(s): Anu Malik Lyrics powered by www.musixmatch.com