Zindagi Tune Songtext
von Jagjit Singh
Zindagi Tune Songtext
ज़िंदगी, तूने लहू लेके दिया कुछ भी नहीं
ज़िंदगी, तूने लहू लेके दिया कुछ भी नहीं
तेरे दामन में मेरे वास्ते के क्या कुछ भी नहीं?
ज़िंदगी, तूने लहू लेके दिया कुछ भी नहीं
मेरे इन हाथों की चाहो तो तलाशी ले लो
मेरे इन हाथों की चाहो तो तलाशी ले लो
मेरे हाथों में लकीरों के सिवा कुछ भी नहीं
ज़िंदगी, तूने लहू लेके दिया कुछ भी नहीं
हमने देखा है कई ऐसे ख़ुदाओं को यहाँ
हमने देखा है कई ऐसे ख़ुदाओं को यहाँ
सामने जिनके वो सचमुच का ख़ुदा कुछ भी नहीं
ज़िंदगी, तूने लहू लेके दिया कुछ भी नहीं
या-ख़ुदा, अब के ये किस रंग में आई है बहार?
या-ख़ुदा, अब के ये किस रंग में आई है बहार?
ज़र्द ही ज़र्द है पेड़ों पे, हरा कुछ भी नहीं
ज़िंदगी, तूने लहू लेके दिया कुछ भी नहीं
दिल भी इक ज़िद पे अड़ा है किसी बच्चे की तरह
दिल भी इक ज़िद पे अड़ा है किसी बच्चे की तरह
या तो सब कुछ ही इसे चाहिए, या कुछ भी नहीं
ज़िंदगी, तूने लहू लेके दिया कुछ भी नहीं
तेरे दामन में मेरे वास्ते के क्या कुछ भी नहीं?
ज़िंदगी, तूने लहू लेके दिया कुछ भी नहीं
ज़िंदगी, तूने लहू लेके दिया कुछ भी नहीं
तेरे दामन में मेरे वास्ते के क्या कुछ भी नहीं?
ज़िंदगी, तूने लहू लेके दिया कुछ भी नहीं
मेरे इन हाथों की चाहो तो तलाशी ले लो
मेरे इन हाथों की चाहो तो तलाशी ले लो
मेरे हाथों में लकीरों के सिवा कुछ भी नहीं
ज़िंदगी, तूने लहू लेके दिया कुछ भी नहीं
हमने देखा है कई ऐसे ख़ुदाओं को यहाँ
हमने देखा है कई ऐसे ख़ुदाओं को यहाँ
सामने जिनके वो सचमुच का ख़ुदा कुछ भी नहीं
ज़िंदगी, तूने लहू लेके दिया कुछ भी नहीं
या-ख़ुदा, अब के ये किस रंग में आई है बहार?
या-ख़ुदा, अब के ये किस रंग में आई है बहार?
ज़र्द ही ज़र्द है पेड़ों पे, हरा कुछ भी नहीं
ज़िंदगी, तूने लहू लेके दिया कुछ भी नहीं
दिल भी इक ज़िद पे अड़ा है किसी बच्चे की तरह
दिल भी इक ज़िद पे अड़ा है किसी बच्चे की तरह
या तो सब कुछ ही इसे चाहिए, या कुछ भी नहीं
ज़िंदगी, तूने लहू लेके दिया कुछ भी नहीं
तेरे दामन में मेरे वास्ते के क्या कुछ भी नहीं?
ज़िंदगी, तूने लहू लेके दिया कुछ भी नहीं
Writer(s): Jagjit Singh, Sudarshan Faakir Lyrics powered by www.musixmatch.com