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Rukh Se Parda Songtext
von Jagjit Singh

Rukh Se Parda Songtext

रुख़ से पर्दा उठा दे ज़रा, साक़िया
बस अभी रंग-ए-महफ़िल बदल जाएगा

रुख़ से पर्दा उठा दे ज़रा, साक़िया
बस अभी रंग-ए-महफ़िल बदल जाएगा

है जो बेहोश वो होश में आएगा
गिरने वाला है जो वो सँभल जाएगा
रुख़ से पर्दा उठा दे...

तुम तसल्ली ना दो, सिर्फ़ बैठे रहो
वक्त कुछ मेरे मरने का टल जाएगा

तुम तसल्ली ना दो, सिर्फ़ बैठे रहो
वक्त कुछ मेरे मरने का टल जाएगा

क्या ये कम है मसीहा कि रहने ही से
मौत का भी इरादा बदल जाएगा?
रुख़ से पर्दा उठा दे...


तीर की जाँ है दिल, दिल की जाँ तीर है
तीर को ना यूँ खींचो, कहा मान लो

तीर की जाँ है दिल, दिल की जाँ तीर है
तीर को ना यूँ खींचो, कहा मान लो

तीर खींचा तो दिल भी निकल आएगा
दिल जो निकला तो दम भी निकल जाएगा
रुख़ से पर्दा उठा दे...

इस के हँसने में रोने का अंदाज़ है
ख़ाक उड़ाने में फ़रियाद का राज़ है

इस के हँसने में रोने का अंदाज़ है
ख़ाक उड़ाने में फ़रियाद का राज़ है

इस को छेड़ो ना Anwar, ख़ुदा के लिए
वर्ना बीमार का दम निकल जाएगा
रुख़ से पर्दा उठा दे ज़रा, साक़िया
बस अभी रंग-ए-महफ़िल बदल जाएगा


है जो बेहोश वो होश में आएगा
गिरने वाला है जो वो सँभल जाएगा
रुख़ से पर्दा उठा दे...

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