Munh Ki Baat Songtext
von Jagjit Singh
Munh Ki Baat Songtext
मुँह की बात सुने हर कोई
दिल के दर्द को जाने कौन
मुँह की बात सुने हर कोई
दिल के दर्द को जाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों में
खामोशी पहचाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों में खामोशी पहचाने कौन
मुँह की बात सुने हर कोई
सदियों सदियों वोही तमाशा
रस्ता रस्ता लंबी खोज़
सदियों सदियों वोही तमाशा
रस्ता रस्ता लंबी खोज़
लेकिन जब हम मिल जाते हैं
खो जाता है जाने कौन
लेकिन जब हम मिल जाते हैं खो जाता है जाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों में खामोशी पहचाने कौन
मुँह की बात सुने हर कोई
वो मेरा आईना है या
मैं उसकी परछाई हूँ
वो मेरा आईना है या
मैं उसकी परछाई हूँ
मेरे ही घर में रहता है मुझ जैसा ही जाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों में खामोशी पहचाने कौन
मुँह की बात सुने हर कोई
किरन किरन अलसाता सूरज
पलक पलक खुलती नींदे
किरन किरन अलसाता सूरज
पलक पलक खुलती नींदे
धीमे धीमे बिखर रहा है जर्रा जर्रा जाने कौन
मुँह की बात सुने हर कोई
दिल के दर्द को जाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों में खामोशी पहचाने कौन
मुँह की बात सुने हर कोई
दिल के दर्द को जाने कौन
मुँह की बात सुने हर कोई
दिल के दर्द को जाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों में
खामोशी पहचाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों में खामोशी पहचाने कौन
मुँह की बात सुने हर कोई
सदियों सदियों वोही तमाशा
रस्ता रस्ता लंबी खोज़
सदियों सदियों वोही तमाशा
रस्ता रस्ता लंबी खोज़
लेकिन जब हम मिल जाते हैं
खो जाता है जाने कौन
लेकिन जब हम मिल जाते हैं खो जाता है जाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों में खामोशी पहचाने कौन
मुँह की बात सुने हर कोई
वो मेरा आईना है या
मैं उसकी परछाई हूँ
वो मेरा आईना है या
मैं उसकी परछाई हूँ
मेरे ही घर में रहता है मुझ जैसा ही जाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों में खामोशी पहचाने कौन
मुँह की बात सुने हर कोई
किरन किरन अलसाता सूरज
पलक पलक खुलती नींदे
किरन किरन अलसाता सूरज
पलक पलक खुलती नींदे
धीमे धीमे बिखर रहा है जर्रा जर्रा जाने कौन
मुँह की बात सुने हर कोई
दिल के दर्द को जाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों में खामोशी पहचाने कौन
मुँह की बात सुने हर कोई
Writer(s): Jagjit Singh, Nida Fazli Lyrics powered by www.musixmatch.com