Hum Dosti Ehsan Wafaa Songtext
von Jagjit Singh
Hum Dosti Ehsan Wafaa Songtext
हम दोस्ती, एहसान, वफ़ा भूल गए हैं
हम दोस्ती, एहसान, वफ़ा भूल गए हैं
ज़िंदा तो है जीने की अदा भूल गए हैं
हम दोस्ती, एहसान, वफ़ा भूल गए हैं
ख़ुशबू जो लुटाती है, मसलते है उसी को
एहसान का बदला यही मिलता है कली को
एहसान तो लेते है, सिला भूल गए है
हम दोस्ती, एहसान, वफ़ा भूल गए हैं
करते है मोहब्बत का और एहसान का सौदा
मतलब के लिए करते है ईमान का सौदा
डर मौत का और खौफ़-ए-ख़ुदा भूल गए है
हम दोस्ती, एहसान, वफ़ा भूल गए हैं
अब मोम पिघल कर कोई पत्थर नहीं होता
अब कोई भी क़ुर्बान किसी पर नहीं होता
यूँ भटके है मंज़िल का पता भूल गए है
हम दोस्ती, एहसान, वफ़ा भूल गए हैं
हम दोस्ती, एहसान, वफ़ा भूल गए हैं
ज़िंदा तो है जीने की अदा भूल गए हैं
हम दोस्ती, एहसान, वफ़ा भूल गए हैं
भूल गए हैं, भूल गए हैं
हम दोस्ती, एहसान, वफ़ा भूल गए हैं
ज़िंदा तो है जीने की अदा भूल गए हैं
हम दोस्ती, एहसान, वफ़ा भूल गए हैं
ख़ुशबू जो लुटाती है, मसलते है उसी को
एहसान का बदला यही मिलता है कली को
एहसान तो लेते है, सिला भूल गए है
हम दोस्ती, एहसान, वफ़ा भूल गए हैं
करते है मोहब्बत का और एहसान का सौदा
मतलब के लिए करते है ईमान का सौदा
डर मौत का और खौफ़-ए-ख़ुदा भूल गए है
हम दोस्ती, एहसान, वफ़ा भूल गए हैं
अब मोम पिघल कर कोई पत्थर नहीं होता
अब कोई भी क़ुर्बान किसी पर नहीं होता
यूँ भटके है मंज़िल का पता भूल गए है
हम दोस्ती, एहसान, वफ़ा भूल गए हैं
हम दोस्ती, एहसान, वफ़ा भूल गए हैं
ज़िंदा तो है जीने की अदा भूल गए हैं
हम दोस्ती, एहसान, वफ़ा भूल गए हैं
भूल गए हैं, भूल गए हैं
Writer(s): Payam Sayeed, Kuldeep Singh Lyrics powered by www.musixmatch.com