Ghar Se Nikle The Hausla Kar Ke Songtext
von Jagjit Singh
Ghar Se Nikle The Hausla Kar Ke Songtext
घर से निकले थे हौसला कर के
घर से निकले थे हौसला कर के
लौटवाए ख़ुदा-ख़ुदा कर के
घर से निकले थे हौसला कर के
दर्द-ए-दिल पाओगे वफ़ा कर के
दर्द-ए-दिल पाओगे वफ़ा कर के
दर्द-ए-दिल पाओगे वफ़ा कर के
हमने देखा है तजुर्बा कर के
ज़िंदगी तो कभी नहीं आई
ज़िंदगी तो कभी नहीं आई
ज़िंदगी तो कभी नहीं आई
मौत आई ज़रा-ज़रा कर के
लोग सुनते रहे दिमाग़ की बात
लोग सुनते रहे दिमाग़ की बात
लोग सुनते रहे दिमाग़ की बात
हम चले दिल को रहनुमा कर के
किसने पाया सुकून दुनिया में
किसने पाया सुकून दुनिया में
किसने पाया सुकून दुनिया में
ज़िंदगानी का सामना कर के
घर से निकले थे हौसला कर के
लौटवाए ख़ुदा-ख़ुदा कर के
घर से निकले थे हौसला कर के
घर से निकले थे हौसला कर के
लौटवाए ख़ुदा-ख़ुदा कर के
घर से निकले थे हौसला कर के
दर्द-ए-दिल पाओगे वफ़ा कर के
दर्द-ए-दिल पाओगे वफ़ा कर के
दर्द-ए-दिल पाओगे वफ़ा कर के
हमने देखा है तजुर्बा कर के
ज़िंदगी तो कभी नहीं आई
ज़िंदगी तो कभी नहीं आई
ज़िंदगी तो कभी नहीं आई
मौत आई ज़रा-ज़रा कर के
लोग सुनते रहे दिमाग़ की बात
लोग सुनते रहे दिमाग़ की बात
लोग सुनते रहे दिमाग़ की बात
हम चले दिल को रहनुमा कर के
किसने पाया सुकून दुनिया में
किसने पाया सुकून दुनिया में
किसने पाया सुकून दुनिया में
ज़िंदगानी का सामना कर के
घर से निकले थे हौसला कर के
लौटवाए ख़ुदा-ख़ुदा कर के
घर से निकले थे हौसला कर के
Writer(s): Jagjit Singh Dhiman, Rajesh Reddy Lyrics powered by www.musixmatch.com