Gagan Ki Ote Nishana Songtext
von Jagjit Singh
Gagan Ki Ote Nishana Songtext
गगन की ओट निशाना है
गगन की ओट निशाना है
गगन की ओट निशाना है
गगन की ओट निशाना है
दाहिने सुर, चंद्रमा बाए
दाहिने सुर, चंद्रमा बाए
तिन के बीच छिपाना है
गगन की ओट निशाना है
गगन की ओट निशाना है
तन की कमान सुरत का रौंदा
तन की कमान सुरत का रौंदा
तन की कमान सुरत का रौंदा
तन की कमान सुरत का रौंदा
शबद बाण ले ताना है
शबद बाण ले ताना है
गगन की ओट निशाना है
गगन की ओट निशाना है
मारयो बाण, घाव नहीं तन में
मारयो बाण, घाव नहीं तन में
मारयो बाण, घाव नहीं तन में
मारयो बाण, घाव नहीं तन में
शबद बाण ले ताना है
शबद बाण ले ताना है
गगन की ओट निशाना है
गगन की ओट निशाना है
कह कबीर, सुनो भई साधो
कह कबीर, सुनो भई साधो
कह कबीर, सुनो भई साधो
कह कबीर, सुनो भई साधो
जिन लागा तिन जाना है
जिन लागा तिन जाना है
गगन की ओट निशाना है
गगन की ओट निशाना है
दाहिने सुर, चंद्रमा बाए
दाहिने सुर, चंद्रमा बाए
तिन के बीच छिपाना है
गगन की ओट निशाना है
गगन की ओट निशाना है
गगन की ओट निशाना है
गगन की ओट निशाना है
गगन की ओट निशाना है
गगन की ओट निशाना है
गगन की ओट निशाना है
दाहिने सुर, चंद्रमा बाए
दाहिने सुर, चंद्रमा बाए
तिन के बीच छिपाना है
गगन की ओट निशाना है
गगन की ओट निशाना है
तन की कमान सुरत का रौंदा
तन की कमान सुरत का रौंदा
तन की कमान सुरत का रौंदा
तन की कमान सुरत का रौंदा
शबद बाण ले ताना है
शबद बाण ले ताना है
गगन की ओट निशाना है
गगन की ओट निशाना है
मारयो बाण, घाव नहीं तन में
मारयो बाण, घाव नहीं तन में
मारयो बाण, घाव नहीं तन में
मारयो बाण, घाव नहीं तन में
शबद बाण ले ताना है
शबद बाण ले ताना है
गगन की ओट निशाना है
गगन की ओट निशाना है
कह कबीर, सुनो भई साधो
कह कबीर, सुनो भई साधो
कह कबीर, सुनो भई साधो
कह कबीर, सुनो भई साधो
जिन लागा तिन जाना है
जिन लागा तिन जाना है
गगन की ओट निशाना है
गगन की ओट निशाना है
दाहिने सुर, चंद्रमा बाए
दाहिने सुर, चंद्रमा बाए
तिन के बीच छिपाना है
गगन की ओट निशाना है
गगन की ओट निशाना है
गगन की ओट निशाना है
गगन की ओट निशाना है
Writer(s): Singh Jagjit Lyrics powered by www.musixmatch.com