Apna Gham Songtext
von Jagjit Singh
Apna Gham Songtext
अपना ग़म लेके कहीं और ना जाया जाए
अपना ग़म लेके कहीं और ना जाया जाए
घर में बिखरी हुईं चीज़ों को सजाया जाए
अपना ग़म लेके कहीं और ना जाया जाए
जिन चराग़ों को हवाओं का कोई ख़ौफ़ नहीं
जिन चराग़ों को हवाओं का कोई ख़ौफ़ नहीं
उन चराग़ों को हवाओं से बचाया जाए
उन चराग़ों को हवाओं से बचाया जाए
घर में बिखरी हुईं चीज़ों को सजाया जाए
अपना ग़म लेके कहीं और ना जाया जाए
बाग़ में जान के आदाब हुआ करते हैं
बाग़ में जान के आदाब हुआ करते हैं
किसी तितली को ना फूलों से उड़ाया जाए
किसी तितली को ना फूलों से उड़ाया जाए
घर से मस्जिद है बहुत दूर, चलो यूँ कर लें
घर से मस्जिद है बहुत दूर, चलो यूँ कर लें
किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए
किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए
घर में बिखरी हुईं चीज़ों को सजाया जाए
अपना ग़म लेके कहीं और ना जाया जाए
अपना ग़म लेके कहीं और ना जाया जाए
घर में बिखरी हुईं चीज़ों को सजाया जाए
अपना ग़म लेके कहीं और ना जाया जाए
जिन चराग़ों को हवाओं का कोई ख़ौफ़ नहीं
जिन चराग़ों को हवाओं का कोई ख़ौफ़ नहीं
उन चराग़ों को हवाओं से बचाया जाए
उन चराग़ों को हवाओं से बचाया जाए
घर में बिखरी हुईं चीज़ों को सजाया जाए
अपना ग़म लेके कहीं और ना जाया जाए
बाग़ में जान के आदाब हुआ करते हैं
बाग़ में जान के आदाब हुआ करते हैं
किसी तितली को ना फूलों से उड़ाया जाए
किसी तितली को ना फूलों से उड़ाया जाए
घर से मस्जिद है बहुत दूर, चलो यूँ कर लें
घर से मस्जिद है बहुत दूर, चलो यूँ कर लें
किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए
किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए
घर में बिखरी हुईं चीज़ों को सजाया जाए
अपना ग़म लेके कहीं और ना जाया जाए
Writer(s): Jagjit Singh, Nida Fazli Lyrics powered by www.musixmatch.com