Rut Jawan Jawan Songtext
von Bhupinder Singh
Rut Jawan Jawan Songtext
रुत जवाँ-जवाँ, रात मेहरबाँ
छेड़ो कोई दास्ताँ
रुत जवाँ-जवाँ, रात मेहरबाँ
छेड़ो कोई दास्ताँ
रुत जवाँ-जवाँ...
कुछ झुकी-झुकी नज़र कहे
कुछ छुपा-छुपा सा डर कहे
जो कहे वो रात-भर कहे
फिर भी ना हो कुछ बयाँ
रुत जवाँ-जवाँ, रात मेहरबाँ
छेड़ो कोई दास्ताँ
रुत जवाँ-जवाँ...
हुस्न की शिकायतें बजा
है इधर तड़प, उधर गिला
ख़ामोशी है दर्द की सदा
आँखें बनी है ज़ुबाँ
रुत जवाँ-जवाँ, रात मेहरबाँ
छेड़ो कोई दास्ताँ
रुत जवाँ-जवाँ...
ग़म ख़ुशी-ख़ुशी छुपा लिया
दर्द को भी दिल बना लिया
ज़िंदगी ने आज़मा लिया
तुम तो ना लो इम्तिहाँ
रुत जवाँ-जवाँ, रात मेहरबाँ
छेड़ो कोई दास्ताँ
रुत जवाँ-जवाँ...
छेड़ो कोई दास्ताँ
रुत जवाँ-जवाँ, रात मेहरबाँ
छेड़ो कोई दास्ताँ
रुत जवाँ-जवाँ...
कुछ झुकी-झुकी नज़र कहे
कुछ छुपा-छुपा सा डर कहे
जो कहे वो रात-भर कहे
फिर भी ना हो कुछ बयाँ
रुत जवाँ-जवाँ, रात मेहरबाँ
छेड़ो कोई दास्ताँ
रुत जवाँ-जवाँ...
हुस्न की शिकायतें बजा
है इधर तड़प, उधर गिला
ख़ामोशी है दर्द की सदा
आँखें बनी है ज़ुबाँ
रुत जवाँ-जवाँ, रात मेहरबाँ
छेड़ो कोई दास्ताँ
रुत जवाँ-जवाँ...
ग़म ख़ुशी-ख़ुशी छुपा लिया
दर्द को भी दिल बना लिया
ज़िंदगी ने आज़मा लिया
तुम तो ना लो इम्तिहाँ
रुत जवाँ-जवाँ, रात मेहरबाँ
छेड़ो कोई दास्ताँ
रुत जवाँ-जवाँ...
Writer(s): Kaifi Azmi, Mohammed Zahur Khayyam Lyrics powered by www.musixmatch.com