Aaj Bichhde Hain Songtext
von Bhupinder Singh
Aaj Bichhde Hain Songtext
आज बिछड़े हैं...
आज बिछड़े हैं, कल का डर भी नहीं
ज़िंदगी इतनी मुख़्तसर भी नहीं
आज बिछड़े हैं...
आज बिछड़े हैं, कल का डर भी नहीं
ज़िंदगी इतनी मुख़्तसर भी नहीं
आज बिछड़े हैं...
ज़ख़्म दिखते नहीं अभी, लेकिन
ज़ख़्म दिखते नहीं अभी, लेकिन
ठंडे होंगे तो दर्द निकलेगा
तैश उतरेगा वक़्त का जब भी
चेहरा अंदर से ज़र्द निकलेगा
आज बिछड़े हैं...
आज बिछड़े हैं, कल का डर भी नहीं
ज़िंदगी इतनी मुख़्तसर भी नहीं
आज बिछड़े हैं...
कहने वालों का कुछ नहीं जाता
सहने वाले कमाल करते हैं
कौन ढूँढे जवाब दर्दों के
लोग तो बस सवाल करते हैं
आज बिछड़े हैं...
आज बिछड़े हैं, कल का डर भी नहीं
ज़िंदगी इतनी मुख़्तसर भी नहीं
आज बिछड़े हैं...
कल जो आएगा, जाने क्या होगा
कल जो आएगा, जाने क्या होगा
बीत जाए जो कल नहीं आते
वक़्त की शाख़ तोड़ने वालों
टूटी शाख़ों पे फल नहीं आते
आज बिछड़े हैं...
आज बिछड़े हैं, कल का डर भी नहीं
ज़िंदगी इतनी मुख़्तसर भी नहीं
आज बिछड़े हैं...
कच्ची मिट्टी है दिल भी, इंसाँ भी
देखने ही में सख़्त लगता है
आँसू पोंछे तो आँसुओं के निशाँ
ख़ुश्क होने में वक़्त लगता है
आज बिछड़े हैं...
आज बिछड़े हैं, कल का डर भी नहीं
ज़िंदगी इतनी मुख़्तसर भी नहीं
आज बिछड़े हैं...
आज बिछड़े हैं...
आज बिछड़े हैं...
आज बिछड़े हैं, कल का डर भी नहीं
ज़िंदगी इतनी मुख़्तसर भी नहीं
आज बिछड़े हैं...
आज बिछड़े हैं, कल का डर भी नहीं
ज़िंदगी इतनी मुख़्तसर भी नहीं
आज बिछड़े हैं...
ज़ख़्म दिखते नहीं अभी, लेकिन
ज़ख़्म दिखते नहीं अभी, लेकिन
ठंडे होंगे तो दर्द निकलेगा
तैश उतरेगा वक़्त का जब भी
चेहरा अंदर से ज़र्द निकलेगा
आज बिछड़े हैं...
आज बिछड़े हैं, कल का डर भी नहीं
ज़िंदगी इतनी मुख़्तसर भी नहीं
आज बिछड़े हैं...
कहने वालों का कुछ नहीं जाता
सहने वाले कमाल करते हैं
कौन ढूँढे जवाब दर्दों के
लोग तो बस सवाल करते हैं
आज बिछड़े हैं...
आज बिछड़े हैं, कल का डर भी नहीं
ज़िंदगी इतनी मुख़्तसर भी नहीं
आज बिछड़े हैं...
कल जो आएगा, जाने क्या होगा
कल जो आएगा, जाने क्या होगा
बीत जाए जो कल नहीं आते
वक़्त की शाख़ तोड़ने वालों
टूटी शाख़ों पे फल नहीं आते
आज बिछड़े हैं...
आज बिछड़े हैं, कल का डर भी नहीं
ज़िंदगी इतनी मुख़्तसर भी नहीं
आज बिछड़े हैं...
कच्ची मिट्टी है दिल भी, इंसाँ भी
देखने ही में सख़्त लगता है
आँसू पोंछे तो आँसुओं के निशाँ
ख़ुश्क होने में वक़्त लगता है
आज बिछड़े हैं...
आज बिछड़े हैं, कल का डर भी नहीं
ज़िंदगी इतनी मुख़्तसर भी नहीं
आज बिछड़े हैं...
आज बिछड़े हैं...
आज बिछड़े हैं...
Writer(s): Gulzar, Mohammed Zahur Khayyam Lyrics powered by www.musixmatch.com