Dhaai Akshar Prem Ke (Part 4) Songtext
von Anuradha Paudwal
Dhaai Akshar Prem Ke (Part 4) Songtext
दिल के टुकड़े बिखरे दामन में फूट के
मर जाऊँ अब तेरी बाँहों में टूट के
रहा ना जाए, सहा ना जाए
आजा, कि जी-भर के रो ले
लगन लगाई, अगन ने लगाई
रूह में प्यास जगाए
(ढाई अक्षर प्रेम के)
(ढाई अक्षर प्रेम के)
मर जाऊँ अब तेरी बाँहों में टूट के
रहा ना जाए, सहा ना जाए
आजा, कि जी-भर के रो ले
लगन लगाई, अगन ने लगाई
रूह में प्यास जगाए
(ढाई अक्षर प्रेम के)
(ढाई अक्षर प्रेम के)
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