Ummed Ki Koi Shama Jalti Nahin Songtext
von Abhijeet
Ummed Ki Koi Shama Jalti Nahin Songtext
उम्मीद की कोई शमा जलती नहीं
क्यूँ रात ये ग़म की मेरे ढलती नहीं?
उम्मीद की कोई शमा जलती नहीं
क्यूँ रात ये ग़म की मेरे ढलती नहीं?
कई बार जो गया थे, कहीं जा के खो गए थे
वो मौसम तो फिर आ गए
हाँ, हमें जो भिगो गए थे, नशे में डुबो गए थे
वो बादल तो फिर छा गए
लेकिन ख़बर महबूब की मिलती नहीं
क्यूँ रात ये ग़म की मेरे ढलती नहीं?
उम्मीद की कोई शमा जलती नहीं
क्यूँ रात ये ग़म की मेरे ढलती नहीं?
ये कैसी है बेवफ़ाई? मेरी याद भी ना आई
बहुत मैंने चाहा जिन्हें
हाँ, तसव्वुर में छाए हैं वो, ज़ेहन में समाए हैं वो
तो मैं कैसे भूलूँ उन्हें?
उन के बिना दिल की कली खिलती नहीं
क्यूँ रात ये ग़म की मेरे ढलती नहीं?
उम्मीद की कोई शमा जलती नहीं
क्यूँ रात ये ग़म की मेरे ढलती नहीं?
क्यूँ रात ये ग़म की मेरे ढलती नहीं?
उम्मीद की कोई शमा जलती नहीं
क्यूँ रात ये ग़म की मेरे ढलती नहीं?
कई बार जो गया थे, कहीं जा के खो गए थे
वो मौसम तो फिर आ गए
हाँ, हमें जो भिगो गए थे, नशे में डुबो गए थे
वो बादल तो फिर छा गए
लेकिन ख़बर महबूब की मिलती नहीं
क्यूँ रात ये ग़म की मेरे ढलती नहीं?
उम्मीद की कोई शमा जलती नहीं
क्यूँ रात ये ग़म की मेरे ढलती नहीं?
ये कैसी है बेवफ़ाई? मेरी याद भी ना आई
बहुत मैंने चाहा जिन्हें
हाँ, तसव्वुर में छाए हैं वो, ज़ेहन में समाए हैं वो
तो मैं कैसे भूलूँ उन्हें?
उन के बिना दिल की कली खिलती नहीं
क्यूँ रात ये ग़म की मेरे ढलती नहीं?
उम्मीद की कोई शमा जलती नहीं
क्यूँ रात ये ग़म की मेरे ढलती नहीं?
Writer(s): Nikhil-vinay, Madan Pal, Anwar, Sadiq, Ishrat, Payam Saeedi Lyrics powered by www.musixmatch.com