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Tauba Tauba (from “Vande Mataram”) Songtext
von A. R. Rahman

Tauba Tauba (from “Vande Mataram”) Songtext

ख़ुद से जंग लड़ता हूँ
रब से ये कहता हूँ
चारों ओर जो होता है
उससे मैं ग़ुस्सा हूँ

तौबा-तौबा, नफ़्स मग़रूर है
तौबा-तौबा, सच से दूर है
तौबा-तौबा, दिल बे-नूर है
तौबा-तौबा, कैसा दौर है

ख़ुद से जंग लड़ता हूँ (सच है)
रब से ये कहता हूँ (सच है)
चारों ओर जो होता है (सच है)
उससे मैं ग़ुस्सा हूँ (सच है)

तौबा-तौबा, नफ़्स मग़रूर है
तौबा-तौबा, सच से दूर है
तौबा-तौबा, दिल बे-नूर है
तौबा-तौबा, कैसा दौर है

कब आएगा वक़्त वो नया?
कब पाएँगे सब दिल की आज़ादी को?
कब आएगी वो प्यारी-प्यारी एक सुबह?


दौलत बढ़ती है रोज़ तो अमीरों की ही
भूख बढ़ती है रोज़ ही ग़रीबों की
वादों से तर-ज़ुबाँ वक़्त मिलते ही पर
गूंगी हो जाती है उन रहबरों की

चलते हैं अकड़ के जगह ज़मीं पे
भूलें के जाना है एक दिन इस ज़मीं में
धब्बा है, धब्बा, ये जैसे चाँद पे धब्बा
धोका, ये धोका, देते हैं ख़ुद को धोका

तौबा-तौबा, नफ़्स मग़रूर है
तौबा-तौबा, सच से दूर है
तौबा-तौबा, दिल बे-नूर है
तौबा-तौबा, कैसा दौर है

सोचो-सोचो ज़रा, काफ़ी है एक शमा
जिससे जल उठती है यहाँ लाखों शमा
सारी दुनिया बदल जाएगी, यारों, पर
है ज़रूरी बदलना बस एक का

मुस्कुरा के देखना भी नेकी लोगों की
राहों से पत्थर हटा लाने की
सजदा, तू सजदा, दुनिया को ना कर सजदा
सजदा, हो सजदा, बस नाम में खुदा का सजदा

तौबा-तौबा, नफ़्स मग़रूर है
तौबा-तौबा, सच से दूर है


ख़ुद से जंग लड़ता हूँ
रब से ये कहता हूँ
चारों ओर जो होता है
उससे मैं ग़ुस्सा हूँ

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