Mann Mohanaa Songtext
von A. R. Rahman
Mann Mohanaa Songtext
मन मोहना, मन मोहना
कान्हा सुनो ना
तुम बिन पाऊं कैसे चैन
तरसू तुम्हीं को दिन रैन
छोड़के अपने काशी-मथुरा
छोड़के अपनी काशी-मथुरा
आके बसो मोरे नैन
तुम बिन पाऊं कैसे चैन
कान्हा, तरसू तुम्हीं को दिन रैन
एक पल उजियारा आए, एक पल अंधियारा छाए
मन क्यूँ ना घबराए? कैसे ना घबराए?
मन जो कोई दोराहा
अपनी राहों में पाए
कौन दिशा जाए
तुम बिन कौन समझाए
तुम बिन कौन समझाए
रास रचइया, वृन्दावन के गोकुल के वासी
राधा तुम्हरी दासी, दर्शन को है प्यासी
श्याम सलोने नंदलाला कृष्णा बनवारी
तुम्हरी छब है न्यारी
मैं तो हूँ तन-मन हारी
मैं तो हूँ तन-मन हारी
मन मोहना, मन मोहना
मन मोहना, मन मोहना
कान्हा सुनो ना
तुम बिन पाऊं कैसे चैन
तरसू तुम्हीं को दिन रैन
जीवन एक नदियां है, लहरो-लहरो बहती जाए
इसमें मन की नैया, डूबे कभी तर जाए
तुम ना खेवइया हो तो कोई तट कैसे पाए?
मझदार रहलाए तो तुमरी शरण आए
हम तुमरी शरण आए
मैं हूँ तुम्हारी, है तुम्हारा ये मेरा जीवन
तुमको ही देखूँ मैं, देखूँ कोई दर्पण
बंसी बन जाउंगी, इन होठों की हो जाउंगी
इन सपनो से जल-थल
है मेरा मन आँगन
हैं मेरा, hmm...
कान्हा सुनो ना
तुम बिन पाऊं कैसे चैन
तरसू तुम्हीं को दिन रैन
छोड़के अपने काशी-मथुरा
छोड़के अपनी काशी-मथुरा
आके बसो मोरे नैन
तुम बिन पाऊं कैसे चैन
कान्हा, तरसू तुम्हीं को दिन रैन
एक पल उजियारा आए, एक पल अंधियारा छाए
मन क्यूँ ना घबराए? कैसे ना घबराए?
मन जो कोई दोराहा
अपनी राहों में पाए
कौन दिशा जाए
तुम बिन कौन समझाए
तुम बिन कौन समझाए
रास रचइया, वृन्दावन के गोकुल के वासी
राधा तुम्हरी दासी, दर्शन को है प्यासी
श्याम सलोने नंदलाला कृष्णा बनवारी
तुम्हरी छब है न्यारी
मैं तो हूँ तन-मन हारी
मैं तो हूँ तन-मन हारी
मन मोहना, मन मोहना
मन मोहना, मन मोहना
कान्हा सुनो ना
तुम बिन पाऊं कैसे चैन
तरसू तुम्हीं को दिन रैन
जीवन एक नदियां है, लहरो-लहरो बहती जाए
इसमें मन की नैया, डूबे कभी तर जाए
तुम ना खेवइया हो तो कोई तट कैसे पाए?
मझदार रहलाए तो तुमरी शरण आए
हम तुमरी शरण आए
मैं हूँ तुम्हारी, है तुम्हारा ये मेरा जीवन
तुमको ही देखूँ मैं, देखूँ कोई दर्पण
बंसी बन जाउंगी, इन होठों की हो जाउंगी
इन सपनो से जल-थल
है मेरा मन आँगन
हैं मेरा, hmm...
Writer(s): Javed Akhtar, A R Rahman Lyrics powered by www.musixmatch.com