Daag - Aye Mere Dil Kahin Aur Chal Songtext
von Talat Mahmood
Daag - Aye Mere Dil Kahin Aur Chal Songtext
ऐ मेरे दिल, कहीं और चल
ग़म की दुनिया से दिल भर गया
ढूँढ ले अब कोई घर नया
ऐ मेरे दिल, कहीं और चल
ग़म की दुनिया से दिल भर गया
ढूँढ ले अब कोई घर नया
ऐ मेरे दिल, कहीं और चल...
चल जहाँ ग़म के मारे ना हों
झूठी आशा के तारे ना हों
चल जहाँ ग़म के मारे ना हों
झूठी आशा के तारे ना हों
झूठी आशा के तारे ना हों
इन बहारों से क्या फ़ायदा?
जिसमें दिल की कली जल गई
ज़ख़्म फिर से हरा हो गया
ऐ मेरे दिल, कहीं और चल...
चार आँसू कोई रो दिया
फेर के मुँह कोई चल दिया
चार आँसू कोई रो दिया
फेर के मुँह कोई चल दिया
फेर के मुँह कोई चल दिया
लूट रहा था किसी का जहाँ
देखती रह गई ये ज़मीं
चुप रहा बेरहम आसमाँ
ऐ मेरे दिल, कहीं और चल
ग़म की दुनिया से दिल भर गया
ढूँढ ले अब कोई घर नया
ऐ मेरे दिल, कहीं और चल...
ग़म की दुनिया से दिल भर गया
ढूँढ ले अब कोई घर नया
ऐ मेरे दिल, कहीं और चल
ग़म की दुनिया से दिल भर गया
ढूँढ ले अब कोई घर नया
ऐ मेरे दिल, कहीं और चल...
चल जहाँ ग़म के मारे ना हों
झूठी आशा के तारे ना हों
चल जहाँ ग़म के मारे ना हों
झूठी आशा के तारे ना हों
झूठी आशा के तारे ना हों
इन बहारों से क्या फ़ायदा?
जिसमें दिल की कली जल गई
ज़ख़्म फिर से हरा हो गया
ऐ मेरे दिल, कहीं और चल...
चार आँसू कोई रो दिया
फेर के मुँह कोई चल दिया
चार आँसू कोई रो दिया
फेर के मुँह कोई चल दिया
फेर के मुँह कोई चल दिया
लूट रहा था किसी का जहाँ
देखती रह गई ये ज़मीं
चुप रहा बेरहम आसमाँ
ऐ मेरे दिल, कहीं और चल
ग़म की दुनिया से दिल भर गया
ढूँढ ले अब कोई घर नया
ऐ मेरे दिल, कहीं और चल...
Writer(s): Shankar Jaikishan Lyrics powered by www.musixmatch.com