Char Din Ka Safar Songtext
von Suresh Wadkar
Char Din Ka Safar Songtext
ज़िंदगी में ख़ुशी है घड़ी दो घड़ी
ज़िंदगी में ख़ुशी है घड़ी दो घड़ी
हर क़दम पर नया इम्तिहाँ है
चार दिन का सफ़र ये जहाँ है
मुस्कुरा ले बहुत, कम समाँ है
ज़िंदगी में ख़ुशी है घड़ी दो घड़ी
हर क़दम पर नया इम्तिहाँ है
चार दिन का सफ़र ये जहाँ है
मुस्कुरा ले बहुत, कम समाँ है
ज़िंदगी में ख़ुशी है घड़ी दो घड़ी
हर क़दम पर नया इम्तिहाँ है
चार दिन का सफ़र ये जहाँ है
हाथ में जो पल है तेरे हँस कर इसे तू बीता ले
आने वाला पल ना जाने क्या खेल सब को दिखाले
हाथ में जो पल है तेरे हँस कर इसे तू बीता ले
वक़्त के सामने आदमी कुछ नहीं
वक़्त के सामने आदमी कुछ नहीं
वक़्त के सामने आदमी कुछ नहीं
आदमी पल की बस दास्ताँ है
चार दिन का सफ़र ये जहाँ है
मुस्कुरा ले बहुत, कम समाँ है
कह के गए है संत सयाने, "ये जग है रैन बसेरा"
मालिक सब का एक वही है, पगले ना कर तेरा-मेरा
कह के गए है संत सयाने, "ये जग है रैन बसेरा"
ले के आया था क्या? ले के जाएगा क्या?
ले के आया था क्या? ले के जाएगा क्या?
ले के आया था क्या? ले के जाएगा क्या?
सब की मंज़िल तो आख़िर वहाँ है
चार दिन का सफ़र ये जहाँ है
मुस्कुरा ले बहुत, कम समाँ है
सतरंगी है दुनिया सारी, कोई रंग फ़ीका पड़े ना
रंग प्रेम का ना हो जिस घर में, वो घर तो अच्छा लगे ना
सतरंगी है दुनिया सारी, कोई रंग फ़ीका पड़े ना
प्रेम ही हो धरम, प्रेम ही हो करम
प्रेम ही हो धरम, प्रेम ही हो करम
प्रेम ही हो धरम, प्रेम ही हो करम
प्रेम तेरी-मेरी आत्मा है
चार दिन का सफ़र ये जहाँ है
हाँ, मुस्कुरा ले बहुत, कम समाँ है
ज़िंदगी में ख़ुशी है घड़ी दो घड़ी
हर क़दम पर नया इम्तिहाँ है
ज़िंदगी में ख़ुशी है घड़ी दो घड़ी
हर क़दम पर नया इम्तिहाँ है
चार दिन का सफ़र ये जहाँ है
मुस्कुरा ले बहुत, कम समाँ है
ज़िंदगी में ख़ुशी है घड़ी दो घड़ी
हर क़दम पर नया इम्तिहाँ है
चार दिन का सफ़र ये जहाँ है
मुस्कुरा ले बहुत, कम समाँ है
ज़िंदगी में ख़ुशी है घड़ी दो घड़ी
हर क़दम पर नया इम्तिहाँ है
चार दिन का सफ़र ये जहाँ है
हाथ में जो पल है तेरे हँस कर इसे तू बीता ले
आने वाला पल ना जाने क्या खेल सब को दिखाले
हाथ में जो पल है तेरे हँस कर इसे तू बीता ले
वक़्त के सामने आदमी कुछ नहीं
वक़्त के सामने आदमी कुछ नहीं
वक़्त के सामने आदमी कुछ नहीं
आदमी पल की बस दास्ताँ है
चार दिन का सफ़र ये जहाँ है
मुस्कुरा ले बहुत, कम समाँ है
कह के गए है संत सयाने, "ये जग है रैन बसेरा"
मालिक सब का एक वही है, पगले ना कर तेरा-मेरा
कह के गए है संत सयाने, "ये जग है रैन बसेरा"
ले के आया था क्या? ले के जाएगा क्या?
ले के आया था क्या? ले के जाएगा क्या?
ले के आया था क्या? ले के जाएगा क्या?
सब की मंज़िल तो आख़िर वहाँ है
चार दिन का सफ़र ये जहाँ है
मुस्कुरा ले बहुत, कम समाँ है
सतरंगी है दुनिया सारी, कोई रंग फ़ीका पड़े ना
रंग प्रेम का ना हो जिस घर में, वो घर तो अच्छा लगे ना
सतरंगी है दुनिया सारी, कोई रंग फ़ीका पड़े ना
प्रेम ही हो धरम, प्रेम ही हो करम
प्रेम ही हो धरम, प्रेम ही हो करम
प्रेम ही हो धरम, प्रेम ही हो करम
प्रेम तेरी-मेरी आत्मा है
चार दिन का सफ़र ये जहाँ है
हाँ, मुस्कुरा ले बहुत, कम समाँ है
ज़िंदगी में ख़ुशी है घड़ी दो घड़ी
हर क़दम पर नया इम्तिहाँ है
Writer(s): Anu Malik, Sikander Bharti Lyrics powered by www.musixmatch.com