Tum Jo Naraz Ho To Songtext
von Shankar Mahadevan
Tum Jo Naraz Ho To Songtext
तुम जो नाराज़ हो तो और हसीं लगती हो
तुम जो नाराज़ हो तो और हसीं लगती हो
दूर जा के भी मुझे दूर नहीं लगती हो
तुम जो नाराज़ हो तो और हसीं लगती हो
रूठी नज़रों में छुपी कोई अदा है जैसे
ज़ुल्फ़ ग़ुस्से में जो बिखरी तो घटा है जैसे
आँखें पल-पल जो पढ़ें महजबीं लगती हो
दूर जा के भी मुझे दूर नहीं लगती हो
तुम जो नाराज़ हो तो और हसीं लगती हो
काँपते होंठ हैं, चेहरे का अजब रंग सा है
बिजलियाँ आँखों में हैं, देख के दिल दंग सा है
नज़र इस हुस्न को मेरी ना कहीं लगती हो
दूर जा के भी मुझे दूर नहीं लगती हो
तुम जो नाराज़ हो तो और हसीं लगती हो
तुम जो नाराज़ हो तो और हसीं लगती हो
तुम जो नाराज़ हो तो और हसीं लगती हो
दूर जा के भी मुझे दूर नहीं लगती हो
तुम जो नाराज़ हो तो और हसीं लगती हो
रूठी नज़रों में छुपी कोई अदा है जैसे
ज़ुल्फ़ ग़ुस्से में जो बिखरी तो घटा है जैसे
आँखें पल-पल जो पढ़ें महजबीं लगती हो
दूर जा के भी मुझे दूर नहीं लगती हो
तुम जो नाराज़ हो तो और हसीं लगती हो
काँपते होंठ हैं, चेहरे का अजब रंग सा है
बिजलियाँ आँखों में हैं, देख के दिल दंग सा है
नज़र इस हुस्न को मेरी ना कहीं लगती हो
दूर जा के भी मुझे दूर नहीं लगती हो
तुम जो नाराज़ हो तो और हसीं लगती हो
तुम जो नाराज़ हो तो और हसीं लगती हो
Writer(s): Javed Akhtar, Raju Singh Lyrics powered by www.musixmatch.com