Aao Milo Chalo Songtext
von Shaan & Sultan Khan
Aao Milo Chalo Songtext
हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते
आ-हा-हा, मंज़िल से बेहतर लगने लगे है ये रास्ते
हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते
आ-हा-हा, मंज़िल से बेहतर लगने लगे है ये रास्ते
आओ, खो जाएँ हम, हो, जाएँ हम यूँ लापता
आओ, मीलों चलें, जाना कहाँ, ना हो पता
हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते
आ-हा-हा, मंज़िल से बेहतर लगने लगे है ये रास्ते
बैठे-बैठे ऐसे कैसे कोई रस्ता नया सा मिले
तू भी चले, मैं भी चलूँ, होंगे कम ये तभी फ़ासले
Hmm, बैठे-बैठे ऐसे कैसे कोई रस्ता नया सा मिले
तू भी चले, मैं भी चलूँ, होंगे कम ये तभी फ़ासले
आओ, तेरा-मेरा ना हो किसी से वास्ता
आओ, मीलों चलें, जाना कहाँ ना हो पता
हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते
आ-हा-हा, मंज़िल से बेहतर लगने लगे है ये रास्ते
हो, थाने कई-कई मैं समझाऊँ
हो, थाने कई-कई मैं समझाऊँ
कि थारे बिना जी ना लगे
कि थारे बिना जी ना लगे
आँखें खोलें, नींदें बोलें, "जाने कैसी जगी बेख़ुदी"
यहाँ-वहाँ, देखो, कहाँ लेके जाने लगी बेख़ुदी
हो, आँखें खोलें, नींदें बोलें, "जाने कैसी जगी बेख़ुदी"
यहाँ-वहाँ, देखो, कहाँ लेके जाने लगी बेख़ुदी
आओ, मिल जाएगा, होगा जहाँ पे रास्ता
आओ, मीलों चलें, जाना कहाँ, ना हो पता
हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते
आ-हा-हा, मंज़िल से बेहतर लगने लगे है ये रास्ते
सजनी
सजनी, तुम मत जानियो, प्रीत की ये दुख होय
नगरी ढँढोरा पीटती, प्रीत ना करियो कोय
आ-हा-हा, मंज़िल से बेहतर लगने लगे है ये रास्ते
हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते
आ-हा-हा, मंज़िल से बेहतर लगने लगे है ये रास्ते
आओ, खो जाएँ हम, हो, जाएँ हम यूँ लापता
आओ, मीलों चलें, जाना कहाँ, ना हो पता
हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते
आ-हा-हा, मंज़िल से बेहतर लगने लगे है ये रास्ते
बैठे-बैठे ऐसे कैसे कोई रस्ता नया सा मिले
तू भी चले, मैं भी चलूँ, होंगे कम ये तभी फ़ासले
Hmm, बैठे-बैठे ऐसे कैसे कोई रस्ता नया सा मिले
तू भी चले, मैं भी चलूँ, होंगे कम ये तभी फ़ासले
आओ, तेरा-मेरा ना हो किसी से वास्ता
आओ, मीलों चलें, जाना कहाँ ना हो पता
हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते
आ-हा-हा, मंज़िल से बेहतर लगने लगे है ये रास्ते
हो, थाने कई-कई मैं समझाऊँ
हो, थाने कई-कई मैं समझाऊँ
कि थारे बिना जी ना लगे
कि थारे बिना जी ना लगे
आँखें खोलें, नींदें बोलें, "जाने कैसी जगी बेख़ुदी"
यहाँ-वहाँ, देखो, कहाँ लेके जाने लगी बेख़ुदी
हो, आँखें खोलें, नींदें बोलें, "जाने कैसी जगी बेख़ुदी"
यहाँ-वहाँ, देखो, कहाँ लेके जाने लगी बेख़ुदी
आओ, मिल जाएगा, होगा जहाँ पे रास्ता
आओ, मीलों चलें, जाना कहाँ, ना हो पता
हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते
आ-हा-हा, मंज़िल से बेहतर लगने लगे है ये रास्ते
सजनी
सजनी, तुम मत जानियो, प्रीत की ये दुख होय
नगरी ढँढोरा पीटती, प्रीत ना करियो कोय
Writer(s): Irshad Kamil Lyrics powered by www.musixmatch.com