He Param Pita Parmeshwar Songtext
von Sadhana Sargam
He Param Pita Parmeshwar Songtext
(ॐ, ॐ, ॐ)
हे, परम पिता परमेश्वर
ऐसी जागृति पैदा कर
हे, परम पिता परमेश्वर
ऐसी जागृति पैदा कर
हिंसा की आग बुझ जाए
हिंसा की आग बुझ जाए
अंतर में प्रेम लहराए
(परम पिता परमेश्वर)
(ऐसी जागृति पैदा कर)
(हिंसा की आग बुझ जाए)
(अंतर में प्रेम लहराए)
परम पिता परमेश्वर
भाईचारे की बात चले
फिर पूजा हो मानवता की
(भाईचारे की बात चले)
(फिर पूजा हो मानवता की)
दुनिया में नया सवेरा हो
दुनिया में नया सवेरा हो
ढले रात ये दानवता की
वो राम राज फिर आए
अंतर में प्रेम लहराए
परम पिता परमेश्वर
खुशहाली के दिन हो सदा
कोई निर्धन अनाथ ना होवे
(खुशहाली के दिन हो सदा)
(कोई निर्धन अनाथ ना होवे)
गंगा, जमुना की धरती पर
गंगा, जमुना की धरती पर
हर मानव सुकून से सोए
जब कोई भी ना दुख पाए
अंतर में प्रेम लहराए
(परम पिता परमेश्वर)
(ऐसी जागृति पैदा कर)
(हिंसा की आग बुझ जाए)
(अंतर में प्रेम लहराए)
परम पिता परमेश्वर
हे, परम पिता परमेश्वर
ऐसी जागृति पैदा कर
हे, परम पिता परमेश्वर
ऐसी जागृति पैदा कर
हिंसा की आग बुझ जाए
हिंसा की आग बुझ जाए
अंतर में प्रेम लहराए
(परम पिता परमेश्वर)
(ऐसी जागृति पैदा कर)
(हिंसा की आग बुझ जाए)
(अंतर में प्रेम लहराए)
परम पिता परमेश्वर
भाईचारे की बात चले
फिर पूजा हो मानवता की
(भाईचारे की बात चले)
(फिर पूजा हो मानवता की)
दुनिया में नया सवेरा हो
दुनिया में नया सवेरा हो
ढले रात ये दानवता की
वो राम राज फिर आए
अंतर में प्रेम लहराए
परम पिता परमेश्वर
खुशहाली के दिन हो सदा
कोई निर्धन अनाथ ना होवे
(खुशहाली के दिन हो सदा)
(कोई निर्धन अनाथ ना होवे)
गंगा, जमुना की धरती पर
गंगा, जमुना की धरती पर
हर मानव सुकून से सोए
जब कोई भी ना दुख पाए
अंतर में प्रेम लहराए
(परम पिता परमेश्वर)
(ऐसी जागृति पैदा कर)
(हिंसा की आग बुझ जाए)
(अंतर में प्रेम लहराए)
परम पिता परमेश्वर
Writer(s): Sameer, Anand Milind Lyrics powered by www.musixmatch.com