Zuban Par Dard Bhari Dastan Songtext
von Mukesh
Zuban Par Dard Bhari Dastan Songtext
ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई
ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई
बहार आने से पहले ख़िज़ाँ चली आई
ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई
ख़ुशी की चाह में मैंने उठाए रंज बड़े
ख़ुशी की चाह में मैंने उठाए रंज बड़े
मेरा नसीब कि मेरे क़दम जहाँ भी पड़े
ये बदनसीबी मेरी भी वहाँ चली आई
ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई
उदास रात है, वीरान दिल की महफ़िल है
उदास रात है, वीरान दिल की महफ़िल है
ना हमसफ़र है कोई, और ना कोई मंज़िल है
ये ज़िंदगी मुझे लेकर कहाँ चली आई?
ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई
बहार आने से पहले ख़िज़ाँ चली आई
ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई
ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई
बहार आने से पहले ख़िज़ाँ चली आई
ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई
ख़ुशी की चाह में मैंने उठाए रंज बड़े
ख़ुशी की चाह में मैंने उठाए रंज बड़े
मेरा नसीब कि मेरे क़दम जहाँ भी पड़े
ये बदनसीबी मेरी भी वहाँ चली आई
ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई
उदास रात है, वीरान दिल की महफ़िल है
उदास रात है, वीरान दिल की महफ़िल है
ना हमसफ़र है कोई, और ना कोई मंज़िल है
ये ज़िंदगी मुझे लेकर कहाँ चली आई?
ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई
बहार आने से पहले ख़िज़ाँ चली आई
ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई
Writer(s): Anand Bakshi, Anandji V Shah, Kalyanji Virji Shah Lyrics powered by www.musixmatch.com