Josh E Jawani Hai Re Hai Songtext
von Mukesh
Josh E Jawani Hai Re Hai Songtext
जोश-ए-जवानी हाए रे, हाए
निकले जिधर से धूम मचाए
जोश-ए-जवानी हाए रे, हाए
निकले जिधर से धूम मचाए
दुनिया का मेला, मैं हूँ अकेला
कितना अकेला हूँ मैं?
जोश-ए-जवानी हाए रे, हाए
निकले जिधर से धूम मचाए
दुनिया का मेला, मैं हूँ अकेला
कितना अकेला हूँ मैं?
शाम का रंगीं शोख़ नज़ारा और बेचारा ये दिल
ढूँढ के हारा, कोई सहारा पर ना मिली मंज़िल
शाम का रंगीं शोख़ नज़ारा और बेचारा ये दिल
ढूँढ के हारा, कोई सहारा पर ना मिली मंज़िल
जोश-ए-जवानी हाए रे, हाए
निकले जिधर से धूम मचाए
दुनिया का मेला, मैं हूँ अकेला
कितना अकेला हूँ मैं?
कोई तो हमसे दो बात करता, कोई तो कहता "Hello"
घर ना बुलाता, पर ये तो कहता, "कुछ दूर तक संग चलो"
कोई तो हमसे दो बात करता, कोई तो कहता "Hello"
घर ना बुलाता, पर ये तो कहता, "कुछ दूर तक संग चलो"
जोश-ए-जवानी हाए रे, हाए
निकले जिधर से धूम मचाए
दुनिया का मेला, मैं हूँ अकेला
कितना अकेला हूँ मैं?
जोश-ए-जवानी हाए रे, हाए
निकले जिधर से धूम मचाए
दुनिया का मेला, मैं हूँ अकेला
कितना अकेला हूँ मैं?
निकले जिधर से धूम मचाए
जोश-ए-जवानी हाए रे, हाए
निकले जिधर से धूम मचाए
दुनिया का मेला, मैं हूँ अकेला
कितना अकेला हूँ मैं?
जोश-ए-जवानी हाए रे, हाए
निकले जिधर से धूम मचाए
दुनिया का मेला, मैं हूँ अकेला
कितना अकेला हूँ मैं?
शाम का रंगीं शोख़ नज़ारा और बेचारा ये दिल
ढूँढ के हारा, कोई सहारा पर ना मिली मंज़िल
शाम का रंगीं शोख़ नज़ारा और बेचारा ये दिल
ढूँढ के हारा, कोई सहारा पर ना मिली मंज़िल
जोश-ए-जवानी हाए रे, हाए
निकले जिधर से धूम मचाए
दुनिया का मेला, मैं हूँ अकेला
कितना अकेला हूँ मैं?
कोई तो हमसे दो बात करता, कोई तो कहता "Hello"
घर ना बुलाता, पर ये तो कहता, "कुछ दूर तक संग चलो"
कोई तो हमसे दो बात करता, कोई तो कहता "Hello"
घर ना बुलाता, पर ये तो कहता, "कुछ दूर तक संग चलो"
जोश-ए-जवानी हाए रे, हाए
निकले जिधर से धूम मचाए
दुनिया का मेला, मैं हूँ अकेला
कितना अकेला हूँ मैं?
जोश-ए-जवानी हाए रे, हाए
निकले जिधर से धूम मचाए
दुनिया का मेला, मैं हूँ अकेला
कितना अकेला हूँ मैं?
Writer(s): Jaikshan Shankar Lyrics powered by www.musixmatch.com