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Ek Din Bik Jayega Mati Ke Mol - From “Dharam Karam” Songtext
von Mukesh

Ek Din Bik Jayega Mati Ke Mol - From “Dharam Karam” Songtext

एक दिन बिक जाएगा माटी के मोल
जग में रह जायेंगे, प्यारे तेरे बोल
एक दिन बिक जाएगा माटी के मोल
जग में रह जायेंगे, प्यारे तेरे बोल

दूजे के होंठों को देकर अपने गीत
कोई निशानी छोड़, फिर दुनिया से डोल
एक दिन बिक जाएगा माटी के मोल
जग में रह जायेंगे, प्यारे तेरे बोल

अनहोनी पथ में काँटें लाख बिछाए
होनी तो फिर भी बिछड़ा यार मिलाए
अनहोनी पथ में काँटें लाख बिछाए
होनी तो फिर भी बिछड़ा यार मिलाए


ये बिरहा, ये दूरी, दो पल की मजबूरी
फिर कोई दिलवाला काहे को घबराये
धारा, तो बहती है, मिल के रहती है
बहती धारा बन जा, फिर दुनिया से डोल
एक दिन बिक जाएगा माटी के मोल
जग में रह जायेंगे, प्यारे तेरे बोल

परदे के पीछे बैठी साँवल गोरी
थाम के तेरे मेरे मन की डोरी
परदे के पीछे बैठी साँवल गोरी
थाम के तेरे मेरे मन की डोरी

ये डोरी ना छूटे, ये बंधन ना टूटे
भोर होने वाली है अब रैना है थोड़ी
सर को झुकाये तू, बैठा क्या है यार
गोरी से नैना जोड़, फिर दुनिया से डोल
एक दिन बिक जाएगा माटी के मोल
जग में रह जायेंगे, प्यारे तेरे बोल

दूजे के होंठों को देकर अपने गीत
कोई निशानी छोड़, फिर दुनिया से डोल
एक दिन बिक जाएगा माटी के मोल
जग में रह जायेंगे, प्यारे तेरे बोल

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