Alvida Songtext
von Kailash Kher
Alvida Songtext
जाग सुना सुना
टेहरा टेहरा सा
मेरा सपना अपना गेहरा गेहरा
जाग सुना सुना
टेहरा टेहरा सा
मेरा सपना अपना गेहरा गेहरा
सारे सहर की जगमग के बितर है अंधेरा
हर मुस्कान के पीछे छुपा हुआ गुम का चेहरा
यही है सच तो हरपाल को जी लू में जी भर के
और हास हास के यह कह दूं दुखो के पठार से
अलविदा... अलविदा
अलविदा... अलविदा...
कोई वक़्त के आयेज हरा हरा सा
कोई प्यार में फिरता मारा मारा सा
दिल के रिस्टन में क्यों दर्द हमेशा मिलता है
और क्यों काँटों पेर ही फूल सुखो का खिलता है
यही है सच तो में इश्स सच को ही अप्नौँगा
मार भी जौंगा तो में प्यार अमर कर जौंगा
अलविदा... आ
अलविदा... अलविदा...
अलविदा... अलविदा...
अलविदा... अलविदा...
अलविदा... अलविदा...
ज़िंदगी ना मिल अजनबी बनके
ज़िंदगी ना मिल अजनबी बनके
बंदगी शामिल हर दुआ बनके
बंदगी शामिल हर दुआ बनके
ज़िंदगी ना मिल अजनबी बनके
बंदगी शामिल हर दुआ बनके
टेहरा टेहरा सा
मेरा सपना अपना गेहरा गेहरा
जाग सुना सुना
टेहरा टेहरा सा
मेरा सपना अपना गेहरा गेहरा
सारे सहर की जगमग के बितर है अंधेरा
हर मुस्कान के पीछे छुपा हुआ गुम का चेहरा
यही है सच तो हरपाल को जी लू में जी भर के
और हास हास के यह कह दूं दुखो के पठार से
अलविदा... अलविदा
अलविदा... अलविदा...
कोई वक़्त के आयेज हरा हरा सा
कोई प्यार में फिरता मारा मारा सा
दिल के रिस्टन में क्यों दर्द हमेशा मिलता है
और क्यों काँटों पेर ही फूल सुखो का खिलता है
यही है सच तो में इश्स सच को ही अप्नौँगा
मार भी जौंगा तो में प्यार अमर कर जौंगा
अलविदा... आ
अलविदा... अलविदा...
अलविदा... अलविदा...
अलविदा... अलविदा...
अलविदा... अलविदा...
ज़िंदगी ना मिल अजनबी बनके
ज़िंदगी ना मिल अजनबी बनके
बंदगी शामिल हर दुआ बनके
बंदगी शामिल हर दुआ बनके
ज़िंदगी ना मिल अजनबी बनके
बंदगी शामिल हर दुआ बनके
Writer(s): NARESH, NARESH, PARESH, KAILASH KHER Lyrics powered by www.musixmatch.com