A Foreword Songtext
von Javed Akhtar
A Foreword Songtext
१९′वी सदी का लखनऊ
हिंदुस्तान की गंगा-जमुनी तहज़ीब का गहवारा था
लखनऊ उस तहज़ीब का दिल था
और उस दिल की धड़कन थी उमराव जान अदा
मगर सितम ये कि उस धड़कन के सीने में भी
एक धड़कता हुआ दिल था
जिसकी आवाज़ उसके जीते-जी किसी ने नहीं सुनी
उमराव जान की हर ग़ज़ल उन्हीं धड़कनों की सदा है
उसी दिल की पुकार है
हिंदुस्तान की गंगा-जमुनी तहज़ीब का गहवारा था
लखनऊ उस तहज़ीब का दिल था
और उस दिल की धड़कन थी उमराव जान अदा
मगर सितम ये कि उस धड़कन के सीने में भी
एक धड़कता हुआ दिल था
जिसकी आवाज़ उसके जीते-जी किसी ने नहीं सुनी
उमराव जान की हर ग़ज़ल उन्हीं धड़कनों की सदा है
उसी दिल की पुकार है
Writer(s): Javed Akhtar Lyrics powered by www.musixmatch.com