Pal Songtext
von Arijit Singh
Pal Songtext
पल कैसा पल
पल में जाए फिसल
चाह के भी पकड़ पाऊं ना
पल कैसा पल
पल में जाए फिसल
चाह के भी पकड़ पाऊं ना
मिलके जुदा हो ना पाएगा दिल
दिल को मैं समझ पाऊं ना
ख्वाहिश है इतनी सी यार
देर तक रुकना अबकी बार
प्यार के लम्हे हों हज़ार
उन्ही में सदियाँ जी लूँगा मैं
ओह, पल कैसा पल
पल में जाए फिसल
चाह के भी पकड़ पाऊं ना
मिलके जुदा हो ना पाएगा दिल
दिल को मैं समझ पाऊं ना
समझ पाऊं ना
समझ पाऊं ना
मटमैले पानियों में
अक्स तेरा दिखता है
बारिश की बूंदा-बूंदी में
पन्ने धुंधले लिखता है
जो होना हो जाने दो
तारों को सो जाने दो
साँसों को खो जाने दो ना
अब तेरे बिन मेरा
ज़िक्र ही गुम जाएगा
इस पल को कस के थाम लूँ
हथेली से फिर निकल जाए ना
ओह, पल कैसा पल
पल में जाए फिसल
चाह के भी पकड़ पाऊं ना
मिलके जुदा हो ना पाएगा दिल
दिल को मैं समझ पाऊं ना
समझ पाऊं ना
समझ पाऊं ना
छुपता सूरज या बादल
मन चला होने पागल
तुझको पुकारे हर पल यार
पत्तों पे बूंदे जैसे
सुबह को ढूंढे जैसे
ढूँढू हर पल में तुझको यार
अब खुदा मिले ना मिले
ख़ुदाया तुझको माना है
इश्क़ के आगे है झुका
आज ये पल भी दीवाना है
ओह, पल कैसा पल
पल में जाए फिसल
चाह के भी पकड़ पाऊं ना
मिलके जुदा हो ना पाएगा दिल
दिल को मैं समझ पाऊं ना
समझ पाऊं ना
समझ पाऊं ना
समझ पाऊं ना
समझ पाऊं ना
पल में जाए फिसल
चाह के भी पकड़ पाऊं ना
पल कैसा पल
पल में जाए फिसल
चाह के भी पकड़ पाऊं ना
मिलके जुदा हो ना पाएगा दिल
दिल को मैं समझ पाऊं ना
ख्वाहिश है इतनी सी यार
देर तक रुकना अबकी बार
प्यार के लम्हे हों हज़ार
उन्ही में सदियाँ जी लूँगा मैं
ओह, पल कैसा पल
पल में जाए फिसल
चाह के भी पकड़ पाऊं ना
मिलके जुदा हो ना पाएगा दिल
दिल को मैं समझ पाऊं ना
समझ पाऊं ना
समझ पाऊं ना
मटमैले पानियों में
अक्स तेरा दिखता है
बारिश की बूंदा-बूंदी में
पन्ने धुंधले लिखता है
जो होना हो जाने दो
तारों को सो जाने दो
साँसों को खो जाने दो ना
अब तेरे बिन मेरा
ज़िक्र ही गुम जाएगा
इस पल को कस के थाम लूँ
हथेली से फिर निकल जाए ना
ओह, पल कैसा पल
पल में जाए फिसल
चाह के भी पकड़ पाऊं ना
मिलके जुदा हो ना पाएगा दिल
दिल को मैं समझ पाऊं ना
समझ पाऊं ना
समझ पाऊं ना
छुपता सूरज या बादल
मन चला होने पागल
तुझको पुकारे हर पल यार
पत्तों पे बूंदे जैसे
सुबह को ढूंढे जैसे
ढूँढू हर पल में तुझको यार
अब खुदा मिले ना मिले
ख़ुदाया तुझको माना है
इश्क़ के आगे है झुका
आज ये पल भी दीवाना है
ओह, पल कैसा पल
पल में जाए फिसल
चाह के भी पकड़ पाऊं ना
मिलके जुदा हो ना पाएगा दिल
दिल को मैं समझ पाऊं ना
समझ पाऊं ना
समझ पाऊं ना
समझ पाऊं ना
समझ पाऊं ना
Writer(s): Rochak Kohli, Sumant Vadhera Lyrics powered by www.musixmatch.com