Shairana Si Hai Zindagi Songtext
von Alka Yagnik
Shairana Si Hai Zindagi Songtext
शायराना सी है ज़िंदगी की फ़ज़ा
आप भी ज़िंदगी का मज़ा लीजिए
शायराना सी है ज़िंदगी की फ़ज़ा
आप भी ज़िंदगी का मज़ा लीजिए
शायराना सी है ज़िंदगी की फ़ज़ा
आप भी ज़िंदगी का मज़ा लीजिए
मैं ग़ज़ल बन गई आप के सामने
मैं ग़ज़ल बन गई आप के सामने
शौक़ से अब मुझे गुनगुना लीजिए
शायराना सी है ज़िंदगी की फ़ज़ा
आप भी ज़िंदगी का मज़ा लीजिए
शायराना सी है...
आप सुन तो रहे हैं मेरे दिल की लय
इसमें बे-नाम सी एक उदासी भी है
आप सुन तो रहे हैं मेरे दिल की लय
इसमें बे-नाम सी एक उदासी भी है
इसमें बे-नाम सी एक उदासी भी है
इस उदासी में नग़्मा कोई छेड़ कर
इस उदासी में नग़्मा कोई छेड़ कर
एक बेचैन दिल की दुआ लीजिए
शायराना सी है ज़िंदगी की फ़ज़ा
आप भी ज़िंदगी का मज़ा लीजिए
शायराना सी है...
आप के प्यार का जो भी मे′यार है
इससे कब, जान-ए-जाँ, मुझको इंकार है
आप के प्यार का जो भी मे'यार है
इससे कब, जान-ए-जाँ, मुझको इंकार है
इससे कब, जान-ए-जाँ, मुझको इंकार है
जिस तरह आप चाहें, नज़र आऊँ मैं
जिस तरह आप चाहें, नज़र आऊँ मैं
मुझको हर रंग में आज़मा लीजिए
शायराना सी है ज़िंदगी की फ़ज़ा
आप भी ज़िंदगी का मज़ा लीजिए
शायराना सी है ज़िंदगी की फ़ज़ा
आप भी ज़िंदगी का मज़ा लीजिए
मैं ग़ज़ल बन गई आप के सामने
मैं ग़ज़ल बन गई आप के सामने
शौक़ से अब मुझे गुनगुना लीजिए
शायराना सी है ज़िंदगी की फ़ज़ा
आप भी ज़िंदगी का मज़ा लीजिए
शायराना सी है...
आप भी ज़िंदगी का मज़ा लीजिए
शायराना सी है ज़िंदगी की फ़ज़ा
आप भी ज़िंदगी का मज़ा लीजिए
शायराना सी है ज़िंदगी की फ़ज़ा
आप भी ज़िंदगी का मज़ा लीजिए
मैं ग़ज़ल बन गई आप के सामने
मैं ग़ज़ल बन गई आप के सामने
शौक़ से अब मुझे गुनगुना लीजिए
शायराना सी है ज़िंदगी की फ़ज़ा
आप भी ज़िंदगी का मज़ा लीजिए
शायराना सी है...
आप सुन तो रहे हैं मेरे दिल की लय
इसमें बे-नाम सी एक उदासी भी है
आप सुन तो रहे हैं मेरे दिल की लय
इसमें बे-नाम सी एक उदासी भी है
इसमें बे-नाम सी एक उदासी भी है
इस उदासी में नग़्मा कोई छेड़ कर
इस उदासी में नग़्मा कोई छेड़ कर
एक बेचैन दिल की दुआ लीजिए
शायराना सी है ज़िंदगी की फ़ज़ा
आप भी ज़िंदगी का मज़ा लीजिए
शायराना सी है...
आप के प्यार का जो भी मे′यार है
इससे कब, जान-ए-जाँ, मुझको इंकार है
आप के प्यार का जो भी मे'यार है
इससे कब, जान-ए-जाँ, मुझको इंकार है
इससे कब, जान-ए-जाँ, मुझको इंकार है
जिस तरह आप चाहें, नज़र आऊँ मैं
जिस तरह आप चाहें, नज़र आऊँ मैं
मुझको हर रंग में आज़मा लीजिए
शायराना सी है ज़िंदगी की फ़ज़ा
आप भी ज़िंदगी का मज़ा लीजिए
शायराना सी है ज़िंदगी की फ़ज़ा
आप भी ज़िंदगी का मज़ा लीजिए
मैं ग़ज़ल बन गई आप के सामने
मैं ग़ज़ल बन गई आप के सामने
शौक़ से अब मुझे गुनगुना लीजिए
शायराना सी है ज़िंदगी की फ़ज़ा
आप भी ज़िंदगी का मज़ा लीजिए
शायराना सी है...
Writer(s): Anu Malik, Qateel Shifai Lyrics powered by www.musixmatch.com