Prem Ki Varsha Songtext
von Alka Yagnik
Prem Ki Varsha Songtext
ऐसी हुई है प्रेम की वर्षा
ऐसी हुई है प्रेम की वर्षा
तन-मन तेरे, तन-मन मेरे
अंतर-घट तक धुल से गए हैं
सपनों के सागर में जैसे
तन-मन तेरे, तन-मन मेरे
डूब गए हैं, घुल से गए हैं
ऐसी हुई है प्रेम की वर्षा
पलकों पर जलते हैं दीये से
हो-ओ, पलकों पर जलते हैं दीये से
नैनों में तेरी प्रीत सजी है
पलकों पर जलते हैं दीये से
नैनों में तेरी प्रीत सजी है
फूल से हल्का तन है मेरा
जन्मों की जो प्यास बुझी है
टूट गए हैं सारे बंधन
टूट गए हैं सारे बंधन
तन-मन तेरे, तन-मन मेरे
यूँ लगाता है खुल से गए हैं
ऐसी हुई है प्रेम की वर्षा
चाँद नगर तक जो ले जाए
हाँ-हाँ, चाँद नगर तक जो ले जाए
प्रेम ही तो वो पगडंडी है
चाँद नगर तक जो ले जाए
प्रेम ही तो वो पगडंडी है
मैं यूँ तेरे संग चली तो
लाज भी पीछे छूट गई है
लाज नदी पर प्रीत का पुल है
लाज नदी पर प्रीत का पुल है
तन-मन तेरे, तन-मन मेरे
नदिया पार इस पुल से गए हैं
ऐसी हुई है प्रेम की वर्षा
तन-मन तेरे, तन-मन मेरे
अंतर-घट तक धुल से गए हैं
सपनों के सागर में जैसे
तन-मन तेरे, तन-मन मेरे
डूब गए हैं, घुल से गए हैं
ऐसी हुई है प्रेम की वर्षा
पलकों पर जलते हैं दीये से
हो-ओ, पलकों पर जलते हैं दीये से
नैनों में तेरी प्रीत सजी है
पलकों पर जलते हैं दीये से
नैनों में तेरी प्रीत सजी है
फूल से हल्का तन है मेरा
जन्मों की जो प्यास बुझी है
टूट गए हैं सारे बंधन
टूट गए हैं सारे बंधन
तन-मन तेरे, तन-मन मेरे
यूँ लगाता है खुल से गए हैं
ऐसी हुई है प्रेम की वर्षा
चाँद नगर तक जो ले जाए
हाँ-हाँ, चाँद नगर तक जो ले जाए
प्रेम ही तो वो पगडंडी है
चाँद नगर तक जो ले जाए
प्रेम ही तो वो पगडंडी है
मैं यूँ तेरे संग चली तो
लाज भी पीछे छूट गई है
लाज नदी पर प्रीत का पुल है
लाज नदी पर प्रीत का पुल है
तन-मन तेरे, तन-मन मेरे
नदिया पार इस पुल से गए हैं
Writer(s): Javed Akhtar, Sandesh Shandilya Lyrics powered by www.musixmatch.com