Main Hoon Ek Bansuri Songtext
von Alka Yagnik
Main Hoon Ek Bansuri Songtext
जोश है उमरिया में, लोच है कमरिया में
जोश है उमरिया में, लोच है कमरिया में
घुँघरू भी बाँधे हैं, नचाने वाला चाहिए
Aye, मैं हूँ एक बाँसुरी...
अरे, मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
जोश है उमरिया में, लोच है कमरिया में
जोश है उमरिया में, लोच है कमरिया में
घुँघरू भी बाँधे हैं, नचाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी...
हाँ, मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
फूल मेरी बगिया में खिले है बहार के
दाने जैसे बिखरे हो काबुली अनार के
हो, फूल मेरी बगिया में खिले है बहार के
दाने जैसे बिखरे हो काबुली अनार के
गोरा-गोरा रूप है ये, चाँदनी की धूप है ये
चाँदनी की धूप में...
चाँदनी की धूप में...
अरे, चाँदनी की धूप में नहाने वाला चाहिए
चाँदनी की धूप में नहाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी...
Aye, मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
बोतलों के पानी में रंगों की बहार है
मेरे अंग-अंग में शराब का ख़ुमार है
ओ, बोतलों के पानी में रंगों की बहार है
मेरे अंग-अंग में शराब का ख़ुमार है
जिस के दिल में प्यास जगे, आ के चार घूँट भरे
पीने वाला चाहिए...
पीने वाला चाहिए...
अरे, पीने वाला चाहिए, पिलाने वाला चाहिए
पीने वाला चाहिए, पिलाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी...
अरे, मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
जोश है उमरिया में, लोच है कमरिया में
घुँघरू भी बाँधे हैं, नचाने वाला चाहिए
Aye, मैं हूँ एक बाँसुरी...
अरे, मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
जोश है उमरिया में, लोच है कमरिया में
जोश है उमरिया में, लोच है कमरिया में
घुँघरू भी बाँधे हैं, नचाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी...
हाँ, मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
फूल मेरी बगिया में खिले है बहार के
दाने जैसे बिखरे हो काबुली अनार के
हो, फूल मेरी बगिया में खिले है बहार के
दाने जैसे बिखरे हो काबुली अनार के
गोरा-गोरा रूप है ये, चाँदनी की धूप है ये
चाँदनी की धूप में...
चाँदनी की धूप में...
अरे, चाँदनी की धूप में नहाने वाला चाहिए
चाँदनी की धूप में नहाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी...
Aye, मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
बोतलों के पानी में रंगों की बहार है
मेरे अंग-अंग में शराब का ख़ुमार है
ओ, बोतलों के पानी में रंगों की बहार है
मेरे अंग-अंग में शराब का ख़ुमार है
जिस के दिल में प्यास जगे, आ के चार घूँट भरे
पीने वाला चाहिए...
पीने वाला चाहिए...
अरे, पीने वाला चाहिए, पिलाने वाला चाहिए
पीने वाला चाहिए, पिलाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी...
अरे, मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
मैं हूँ एक बाँसुरी, बजाने वाला चाहिए
Writer(s): Anu Malik, Kulwant Jani Lyrics powered by www.musixmatch.com