Aankh Hai Bhari Bhari Songtext
von Alka Yagnik
Aankh Hai Bhari Bhari Songtext
आँख है भरी-भरी, और तुम मुस्कुराने की बात करते हो
आँख है भरी-भरी, और तुम मुस्कुराने की बात करते हो
ज़िन्दगी खफ़ा-खफ़ा, और तुम दिल लगाने की बात करते हो
आँख है भरी-भरी, और तुम मुस्कुराने की बात करते हो
मेरे हालात ऐसे हैं के मैं कुछ कर नहीं सकती
मेरे हालात ऐसे हैं के मैं कुछ कर नहीं सकती
तड़पता है ये दिल, लेकिन मैं आहें भर नहीं सकती
ज़ख्म है हरा-हरा, और तुम चोट खाने की बात करते हो
ज़िन्दगी खफ़ा-खफ़ा, और तुम दिल लगाने की बात करते हो
आँख है भरी-भरी, और तुम मुस्कुराने की बात करते हो
ज़माने में भला कैसे मोहब्बत लोग करते हैं?
ज़माने में भला कैसे मोहब्बत लोग करते हैं?
वफ़ा के नाम की अब तो शिक़ायत लोग करते हैं
आग है बुझी-बुझी, और तुम लौ जलाने की बात करते हो
ज़िन्दगी खफ़ा-खफ़ा, और तुम दिल लगाने की बात करते हो
आँख है भरी-भरी, और तुम मुस्कुराने की बात करते हो
कभी जो ख़ाब देखा तो मिली परछाइयाँ मुझ को
कभी जो ख़ाब देखा तो मिली परछाइयाँ मुझ को
मुझे महफ़िल की ख़्वाहिश थी मिली तनहाइयाँ मुझ को
हर तरफ़ धुआँ-धुआँ, और तुम आशियाने की बात करते हो
ज़िन्दगी खफ़ा-खफ़ा, और तुम दिल लगाने की बात करते हो
आँख है भरी-भरी, और तुम मुस्कुराने की बात करते हो
आँख है भरी-भरी, और तुम मुस्कुराने की बात करते हो
ज़िन्दगी खफ़ा-खफ़ा, और तुम दिल लगाने की बात करते हो
आँख है भरी-भरी, और तुम मुस्कुराने की बात करते हो
मेरे हालात ऐसे हैं के मैं कुछ कर नहीं सकती
मेरे हालात ऐसे हैं के मैं कुछ कर नहीं सकती
तड़पता है ये दिल, लेकिन मैं आहें भर नहीं सकती
ज़ख्म है हरा-हरा, और तुम चोट खाने की बात करते हो
ज़िन्दगी खफ़ा-खफ़ा, और तुम दिल लगाने की बात करते हो
आँख है भरी-भरी, और तुम मुस्कुराने की बात करते हो
ज़माने में भला कैसे मोहब्बत लोग करते हैं?
ज़माने में भला कैसे मोहब्बत लोग करते हैं?
वफ़ा के नाम की अब तो शिक़ायत लोग करते हैं
आग है बुझी-बुझी, और तुम लौ जलाने की बात करते हो
ज़िन्दगी खफ़ा-खफ़ा, और तुम दिल लगाने की बात करते हो
आँख है भरी-भरी, और तुम मुस्कुराने की बात करते हो
कभी जो ख़ाब देखा तो मिली परछाइयाँ मुझ को
कभी जो ख़ाब देखा तो मिली परछाइयाँ मुझ को
मुझे महफ़िल की ख़्वाहिश थी मिली तनहाइयाँ मुझ को
हर तरफ़ धुआँ-धुआँ, और तुम आशियाने की बात करते हो
ज़िन्दगी खफ़ा-खफ़ा, और तुम दिल लगाने की बात करते हो
आँख है भरी-भरी, और तुम मुस्कुराने की बात करते हो
Writer(s): Saifi Nadeem, Rathod Shravan, Pandy Sameer (t) Lyrics powered by www.musixmatch.com