Khulke Jeene Ka Songtext
von A. R. Rahman
Khulke Jeene Ka Songtext
खुलके जीने का तरीक़ा तुम्हें सिखाते हैं
हँस के देखो ना, लतीफ़ा तुम्हें सुनाते हैं
उमर के साल कितने हैं, गिन-गिन के क्या करना?
बीत जाएँ ना गिनती में ही वरना
आओ, फ़िल्मों के बेअदब गाने गाते हैं
Heroine-hero आज हम-तुम बन जाते हैं
खुलके जीने का तरीक़ा तुम्हें सिखाते हैं
हँस के देखो ना, लतीफ़ा तुम्हें सुनाते हैं
खुशियाँ तो रखी हैं pocket में
काग़ज़ के नन्हे से packet में
इनकी बिजली की तरह क्यूँ बचत करें, बताओ ना
खरच कर डालेंगे सारी आज ही, आओ ना
हैं महँगे दर्द बड़े और मुस्कान पाई हमने मुफ़्त में
खुलके जीने का तरीक़ा तुम्हें सिखाते हैं
हँस के देखो ना, लतीफ़ा तुम्हें सुनाते हैं
उमर के साल कितने हैं, गिन-गिन के क्या करना?
बीत जाएँ ना गिनती में ही वरना
आओ, फ़िल्मों के बेअदब गाने गाते हैं
Heroine-hero आज हम-तुम बन जाते हैं
दिल की है इतनी ही नादानी
चुटकी में हो जाए रोमानी
यारी और चाहत के जो बीच की महीन सरहद है
पार उसको कर जाना दिल की बुरी आदत है
आसानी से आ जाए दो अनजान अखियों की गिरफ़्त में
खुलके जीने का तरीक़ा तुम्हें सिखाते हैं
हँस के देखो ना, लतीफ़ा तुम्हें सुनाते हैं
उमर के साल कितने हैं, गिन-गिन के क्या करना?
बीत जाएँ ना गिनती में ही वरना
आओ, फ़िल्मों के बेअदब गाने गाते हैं
Heroine-hero आज हम-तुम बन जाते हैं
खुलके जीने का तरीक़ा तुम्हें सिखाते हैं
हँस के देखो ना, लतीफ़ा तुम्हें सुनाते हैं
हँस के देखो ना, लतीफ़ा तुम्हें सुनाते हैं
उमर के साल कितने हैं, गिन-गिन के क्या करना?
बीत जाएँ ना गिनती में ही वरना
आओ, फ़िल्मों के बेअदब गाने गाते हैं
Heroine-hero आज हम-तुम बन जाते हैं
खुलके जीने का तरीक़ा तुम्हें सिखाते हैं
हँस के देखो ना, लतीफ़ा तुम्हें सुनाते हैं
खुशियाँ तो रखी हैं pocket में
काग़ज़ के नन्हे से packet में
इनकी बिजली की तरह क्यूँ बचत करें, बताओ ना
खरच कर डालेंगे सारी आज ही, आओ ना
हैं महँगे दर्द बड़े और मुस्कान पाई हमने मुफ़्त में
खुलके जीने का तरीक़ा तुम्हें सिखाते हैं
हँस के देखो ना, लतीफ़ा तुम्हें सुनाते हैं
उमर के साल कितने हैं, गिन-गिन के क्या करना?
बीत जाएँ ना गिनती में ही वरना
आओ, फ़िल्मों के बेअदब गाने गाते हैं
Heroine-hero आज हम-तुम बन जाते हैं
दिल की है इतनी ही नादानी
चुटकी में हो जाए रोमानी
यारी और चाहत के जो बीच की महीन सरहद है
पार उसको कर जाना दिल की बुरी आदत है
आसानी से आ जाए दो अनजान अखियों की गिरफ़्त में
खुलके जीने का तरीक़ा तुम्हें सिखाते हैं
हँस के देखो ना, लतीफ़ा तुम्हें सुनाते हैं
उमर के साल कितने हैं, गिन-गिन के क्या करना?
बीत जाएँ ना गिनती में ही वरना
आओ, फ़िल्मों के बेअदब गाने गाते हैं
Heroine-hero आज हम-तुम बन जाते हैं
खुलके जीने का तरीक़ा तुम्हें सिखाते हैं
हँस के देखो ना, लतीफ़ा तुम्हें सुनाते हैं
Writer(s): A R Rahman, Amitabh Bhattacharya Lyrics powered by www.musixmatch.com