Hum Dilli Dilli Jaayenge Songtext
von A. R. Rahman
Hum Dilli Dilli Jaayenge Songtext
हम दिल्ली-दिल्ली जाएँगे
हम अपना हिंद बनाएँगे
दिल्ली-दिल्ली जाएँगे
हम अपना हिंद बनाएँगे
फ़ौजी बनके रहना है
दुख-दर्द, मुसीबत सहना है
अब फ़ौजी बनके रहना है
दुख-दर्द, मुसीबत सहना है
Subhash का ये कहना-कहना है
"चलो, दिल्ली चलके रहना है"
अब दिल्ली-दिल्ली जाएँगे
हम अपना हिंद बनाएँगे
दिल्ली-दिल्ली जाएँगे
हम अपना हिंद बनाएँगे
हम गोली खाके झूमेंगे, मौत को बढ़ के चूमेंगे
मतवाले बन आज़ादी के, हम दरिया, जंगल घूमेंगे
गोली खाके झूमेंगे, मौत को बढ़ के चूमेंगे
मतवाले बन आज़ादी के, हम दरिया, जंगल घूमेंगे
Subhash हमारा हावी है
ग़ुलामी के तालों की चाबी है
फिर कैसा ख़तरा बाक़ी है
ख़ुदा भी हमारा साथी है
हम दिल्ली-दिल्ली जाएँगे
हम अपना हिंद बनाएँगे
दिल्ली-दिल्ली जाएँगे
हम अपना हिंद बनाएँगे
फ़ौजी बनके जाएँगे
और दिल्ली को सजाएँगे
फ़ौजी बनके जाएँगे
दिल्ली को सजाएँगे
ज़ालिम फ़िरंगी को नकार
हम नाम-ओ-निशाँ मिटाएँगे
हम दिल्ली-दिल्ली जाएँगे
हम अपना हिंद बनाएँगे
दिल्ली-दिल्ली जाएँगे
हम अपना हिंद बनाएँगे
फ़ौजी बनके रहना है
दुख-दर्द, मुसीबत सहना है
अब फ़ौजी बनके रहना है
दुख-दर्द, मुसीबत सहना है
Subhash का ये कहना-कहना है
"चलो, दिल्ली चलके रहना है"
हम अपना हिंद बनाएँगे
दिल्ली-दिल्ली जाएँगे
हम अपना हिंद बनाएँगे
फ़ौजी बनके रहना है
दुख-दर्द, मुसीबत सहना है
अब फ़ौजी बनके रहना है
दुख-दर्द, मुसीबत सहना है
Subhash का ये कहना-कहना है
"चलो, दिल्ली चलके रहना है"
अब दिल्ली-दिल्ली जाएँगे
हम अपना हिंद बनाएँगे
दिल्ली-दिल्ली जाएँगे
हम अपना हिंद बनाएँगे
हम गोली खाके झूमेंगे, मौत को बढ़ के चूमेंगे
मतवाले बन आज़ादी के, हम दरिया, जंगल घूमेंगे
गोली खाके झूमेंगे, मौत को बढ़ के चूमेंगे
मतवाले बन आज़ादी के, हम दरिया, जंगल घूमेंगे
Subhash हमारा हावी है
ग़ुलामी के तालों की चाबी है
फिर कैसा ख़तरा बाक़ी है
ख़ुदा भी हमारा साथी है
हम दिल्ली-दिल्ली जाएँगे
हम अपना हिंद बनाएँगे
दिल्ली-दिल्ली जाएँगे
हम अपना हिंद बनाएँगे
फ़ौजी बनके जाएँगे
और दिल्ली को सजाएँगे
फ़ौजी बनके जाएँगे
दिल्ली को सजाएँगे
ज़ालिम फ़िरंगी को नकार
हम नाम-ओ-निशाँ मिटाएँगे
हम दिल्ली-दिल्ली जाएँगे
हम अपना हिंद बनाएँगे
दिल्ली-दिल्ली जाएँगे
हम अपना हिंद बनाएँगे
फ़ौजी बनके रहना है
दुख-दर्द, मुसीबत सहना है
अब फ़ौजी बनके रहना है
दुख-दर्द, मुसीबत सहना है
Subhash का ये कहना-कहना है
"चलो, दिल्ली चलके रहना है"
Writer(s): Javed Akhtar, A R Rahman Lyrics powered by www.musixmatch.com