Ishq Ka Itar Songtext
von Vishal Mishra
Ishq Ka Itar Songtext
मैं नया नमाज़ी हूँ तेरे जहाँ का
कायदें ना जानूँ, वक़्त दे ज़रा सा
गलियाँ पुरानी हैं ये, जानी-पहचानी हैं ये
फिर भी नयी सी क्यूँ लग रही?
बैठे बिठाए यूँ ही उड़ने लगे है कहीं
जाने ये हवाएँ कैसी लग रही
तेरी खुशबुएँ है मेरा पता
मुझको ढूँढ लो, आओ ना
तेरा ही असर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
दिल ये तर-ब-तर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
तेरा ही असर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
दिल ये तर-ब-तर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
पूरी-पूरी दोपहर में डोलता पतंग सा
आ के मुझको तू जो थाम ले
रूह तक में होती जाती मीठी सी हरारतें
जब कभी तू मेरा नाम ले
ज़िकर गुलाबी तेरा जितना है
उतना ही मैं भी गुलाबी अब हो रहा
नज़्मों की दुनिया में रहने लगा हूँ
वैसे थोड़ा किताबी मैं भी हो रहा
सारे पन्नों पर तू ही तो लिखा
खुद को ढूँढ लो, आओ ना
तेरा हर ज़िकर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
दिल ये तर-ब-तर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
तेरा ही असर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
दिल ये तर-ब-तर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
मैंने ना माँगी कभी जो दुआ में
फिर भी ना जाने कैसे हुआ ये
किसकी महर है ये? किसका असर?
मुझको तो कोई समझा दे कोई ये
मैंने ना माँगी कभी जो दुआ में
फिर भी ना जाने कैसे हुआ ये
किसकी महर है ये? किसका असर?
मुझको तो कोई समझा दे कोई ये
पागल तेरे प्यार में
(इश्क़ का इत्तर, दिल ये तर-ब-तर)
(तेरा ही असर, इश्क़ का इत्तर)
पागल तेरे प्यार में
(इश्क़ का इत्तर, दिल ये तर-ब-तर)
(तेरा ही असर, इश्क़ का इत्तर)
तेरी खुशबुएँ है मेरा पता
मुझको ढूँढ लो, आओ ना
पन्ने-पन्ने पर तू ही तो लिखा
खुद को ढूँढ लो, आओ ना
तेरा हर ज़िकर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
दिल ये तर-ब-तर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
तेरा ही असर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
दिल ये तर-ब-तर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
कायदें ना जानूँ, वक़्त दे ज़रा सा
गलियाँ पुरानी हैं ये, जानी-पहचानी हैं ये
फिर भी नयी सी क्यूँ लग रही?
बैठे बिठाए यूँ ही उड़ने लगे है कहीं
जाने ये हवाएँ कैसी लग रही
तेरी खुशबुएँ है मेरा पता
मुझको ढूँढ लो, आओ ना
तेरा ही असर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
दिल ये तर-ब-तर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
तेरा ही असर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
दिल ये तर-ब-तर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
पूरी-पूरी दोपहर में डोलता पतंग सा
आ के मुझको तू जो थाम ले
रूह तक में होती जाती मीठी सी हरारतें
जब कभी तू मेरा नाम ले
ज़िकर गुलाबी तेरा जितना है
उतना ही मैं भी गुलाबी अब हो रहा
नज़्मों की दुनिया में रहने लगा हूँ
वैसे थोड़ा किताबी मैं भी हो रहा
सारे पन्नों पर तू ही तो लिखा
खुद को ढूँढ लो, आओ ना
तेरा हर ज़िकर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
दिल ये तर-ब-तर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
तेरा ही असर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
दिल ये तर-ब-तर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
मैंने ना माँगी कभी जो दुआ में
फिर भी ना जाने कैसे हुआ ये
किसकी महर है ये? किसका असर?
मुझको तो कोई समझा दे कोई ये
मैंने ना माँगी कभी जो दुआ में
फिर भी ना जाने कैसे हुआ ये
किसकी महर है ये? किसका असर?
मुझको तो कोई समझा दे कोई ये
पागल तेरे प्यार में
(इश्क़ का इत्तर, दिल ये तर-ब-तर)
(तेरा ही असर, इश्क़ का इत्तर)
पागल तेरे प्यार में
(इश्क़ का इत्तर, दिल ये तर-ब-तर)
(तेरा ही असर, इश्क़ का इत्तर)
तेरी खुशबुएँ है मेरा पता
मुझको ढूँढ लो, आओ ना
पन्ने-पन्ने पर तू ही तो लिखा
खुद को ढूँढ लो, आओ ना
तेरा हर ज़िकर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
दिल ये तर-ब-तर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
तेरा ही असर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
दिल ये तर-ब-तर
हाए, इश्क़ का इत्तर, इश्क़ का इत्तर
Writer(s): Vishal Mishra Lyrics powered by www.musixmatch.com