Shaam O Seher Songtext
von Vishal Mishra
Shaam O Seher Songtext
आँखों में चाँद छुपा लूँ (आँखों में चाँद छुपा लूँ)
आँखों में चाँद छुपा लूँ (आँखों में चाँद छुपा लूँ)
तेरे चेहरे को मैं चुरा लूँ (तेरे चेहरे को मैं चुरा लूँ)
तेरे चेहरे को मैं चुरा लूँ (तेरे चेहरे को मैं चुरा लूँ)
आँखों में चाँद छुपा लूँ
तेरे चेहरे को मैं चुरा लूँ
सिर्फ़ इतनी सी इजाज़त चाहिए
Mmm, जो लब पे है तुझको बता दूँ
तुझे अपने दिल का पता दूँ
सिर्फ़ इतनी सी इजाज़त चाहिए
शाम-ओ-सहर, आठों पहर
तेरी चाहत मैं करता हूँ
तेरी ख़बर, तेरी फ़िकर
तुझ में ही जीता-मरता हूँ
शाम-ओ-सहर, आठों पहर
तेरी चाहत मैं करता हूँ
तेरी ख़बर, तेरी फ़िकर
तुझ में ही जीता-मरता हूँ
उलझे-उलझे गेसुओं में रहूँ
जिस्म की इन ख़ुशबुओं में बहूँ
इस क़दर तुझको प्यार दूँ
तुझपे हर लम्हा वार दूँ
सिर्फ़ इतनी सी इजाज़त चाहिए
शाम-ओ-सहर, आठों पहर (शाम-ओ-सहर)
तेरी चाहत मैं करता हूँ
तेरी ख़बर, तेरी फ़िकर (तेरी फ़िकर)
तुझ में ही जीता-मरता हूँ
शाम-ओ-सहर, आठों पहर (शाम-ओ-सहर)
तेरी चाहत मैं करता हूँ
तेरी ख़बर, तेरी फ़िकर (तेरी फ़िकर)
तुझ में ही जीता-मरता हूँ
बाज़ुओं के दायरे में जियूँ
नर्म होंठों की गुलाबी मैं पियूँ
सोचूँ बस तुझको रात-दिन
ना रहूँ इक पल तेरे बिन
सिर्फ़ इतनी सी इजाज़त चाहिए
शाम-ओ-सहर, आठों पहर (शाम-ओ-सहर)
तेरी चाहत मैं करता हूँ
तेरी ख़बर, तेरी फ़िकर (तेरी फ़िकर)
तुझ में ही जीता-मरता हूँ
शाम-ओ-सहर, आठों पहर
तेरी चाहत मैं करता हूँ
तेरी ख़बर, तेरी फ़िकर
तुझ में ही जीता-मरता हूँ
आँखों में चाँद छुपा लूँ (आँखों में चाँद छुपा लूँ)
तेरे चेहरे को मैं चुरा लूँ (तेरे चेहरे को मैं चुरा लूँ)
तेरे चेहरे को मैं चुरा लूँ (तेरे चेहरे को मैं चुरा लूँ)
आँखों में चाँद छुपा लूँ
तेरे चेहरे को मैं चुरा लूँ
सिर्फ़ इतनी सी इजाज़त चाहिए
Mmm, जो लब पे है तुझको बता दूँ
तुझे अपने दिल का पता दूँ
सिर्फ़ इतनी सी इजाज़त चाहिए
शाम-ओ-सहर, आठों पहर
तेरी चाहत मैं करता हूँ
तेरी ख़बर, तेरी फ़िकर
तुझ में ही जीता-मरता हूँ
शाम-ओ-सहर, आठों पहर
तेरी चाहत मैं करता हूँ
तेरी ख़बर, तेरी फ़िकर
तुझ में ही जीता-मरता हूँ
उलझे-उलझे गेसुओं में रहूँ
जिस्म की इन ख़ुशबुओं में बहूँ
इस क़दर तुझको प्यार दूँ
तुझपे हर लम्हा वार दूँ
सिर्फ़ इतनी सी इजाज़त चाहिए
शाम-ओ-सहर, आठों पहर (शाम-ओ-सहर)
तेरी चाहत मैं करता हूँ
तेरी ख़बर, तेरी फ़िकर (तेरी फ़िकर)
तुझ में ही जीता-मरता हूँ
शाम-ओ-सहर, आठों पहर (शाम-ओ-सहर)
तेरी चाहत मैं करता हूँ
तेरी ख़बर, तेरी फ़िकर (तेरी फ़िकर)
तुझ में ही जीता-मरता हूँ
बाज़ुओं के दायरे में जियूँ
नर्म होंठों की गुलाबी मैं पियूँ
सोचूँ बस तुझको रात-दिन
ना रहूँ इक पल तेरे बिन
सिर्फ़ इतनी सी इजाज़त चाहिए
शाम-ओ-सहर, आठों पहर (शाम-ओ-सहर)
तेरी चाहत मैं करता हूँ
तेरी ख़बर, तेरी फ़िकर (तेरी फ़िकर)
तुझ में ही जीता-मरता हूँ
शाम-ओ-सहर, आठों पहर
तेरी चाहत मैं करता हूँ
तेरी ख़बर, तेरी फ़िकर
तुझ में ही जीता-मरता हूँ
Writer(s): Sameer Anjaan, Lalit Pandit Lyrics powered by www.musixmatch.com