Rona Chahe Rona Songtext
von Udit Narayan
Rona Chahe Rona Songtext
पंछी का पर कतर के कहते हैं, "उड़ के दिखाओ"
ज़ुबाँ काट के दुनिया वाले कहते हैं, "तुम गाओ"
रोना चाहें, रो ना पाएँ, दिल कितना मजबूर है
रोना चाहें, रो ना पाएँ, दिल कितना मजबूर है
किसे पता है? कौन बताए? रब को क्या मंज़ूर है?
रोना चाहें, रो ना पाएँ, दिल कितना मजबूर है
किसे पता है? कौन बताए? रब को क्या मंज़ूर है?
रोना चाहें, रो ना पाएँ...
लेके आँचल के तले मुझ को वरदान दिया
मैंने तो सीखा वही माँ ने जो ज्ञान दिया
दर्द जो दे किसी को, मैं वो इंसान नहीं
ख़ामियाँ मुझ में भी हैं, पर मैं बेईमान नहीं
मैंने सब को अपना माना
मेरा ये क़सूर है, मेरा ये क़सूर है
रोना चाहें, रो ना पाएँ, दिल कितना मजबूर है
किसे पता है? कौन बताए? रब को क्या मंज़ूर है?
रोना चाहें, रो ना पाएँ...
भोला था, नादाँ भी था, कुछ भी ना जान सका
धागा रस्मों का क्या है, मैं ना पहचान सका
मैंने अपराध किया, मुझ को इनकार नहीं
भूल अनजाने हुई, मैं गुनहगार नहीं
अब ये जाके मैंने जाना
होता क्या सिंदूर है, होता क्या सिंदूर है
रोना चाहें, रो ना पाएँ, दिल कितना मजबूर है
किसे पता है? कौन बताए? रब को क्या मंज़ूर है?
रोना चाहें, रो ना पाएँ, दिल कितना मजबूर है
किसे पता है? कौन बताए? रब को क्या मंज़ूर है?
रोना चाहें, रो ना पाएँ...
ज़ुबाँ काट के दुनिया वाले कहते हैं, "तुम गाओ"
रोना चाहें, रो ना पाएँ, दिल कितना मजबूर है
रोना चाहें, रो ना पाएँ, दिल कितना मजबूर है
किसे पता है? कौन बताए? रब को क्या मंज़ूर है?
रोना चाहें, रो ना पाएँ, दिल कितना मजबूर है
किसे पता है? कौन बताए? रब को क्या मंज़ूर है?
रोना चाहें, रो ना पाएँ...
लेके आँचल के तले मुझ को वरदान दिया
मैंने तो सीखा वही माँ ने जो ज्ञान दिया
दर्द जो दे किसी को, मैं वो इंसान नहीं
ख़ामियाँ मुझ में भी हैं, पर मैं बेईमान नहीं
मैंने सब को अपना माना
मेरा ये क़सूर है, मेरा ये क़सूर है
रोना चाहें, रो ना पाएँ, दिल कितना मजबूर है
किसे पता है? कौन बताए? रब को क्या मंज़ूर है?
रोना चाहें, रो ना पाएँ...
भोला था, नादाँ भी था, कुछ भी ना जान सका
धागा रस्मों का क्या है, मैं ना पहचान सका
मैंने अपराध किया, मुझ को इनकार नहीं
भूल अनजाने हुई, मैं गुनहगार नहीं
अब ये जाके मैंने जाना
होता क्या सिंदूर है, होता क्या सिंदूर है
रोना चाहें, रो ना पाएँ, दिल कितना मजबूर है
किसे पता है? कौन बताए? रब को क्या मंज़ूर है?
रोना चाहें, रो ना पाएँ, दिल कितना मजबूर है
किसे पता है? कौन बताए? रब को क्या मंज़ूर है?
रोना चाहें, रो ना पाएँ...
Writer(s): Sameer Anjaan, Anand Chitragupta Shrivastava, Milind Chitragupta Shrivastava Lyrics powered by www.musixmatch.com