Socho Ke Jheelon Ka Songtext
von Udit Narayan & Alka Yagnik
Socho Ke Jheelon Ka Songtext
देखो-देखो, क्या मैं देखूँ?
सोचो-सोचो, सोचूँ मैं क्या?
सोचो के झीलों का शहर हो
लहरों पे अपना एक घर हो
सोचो के झीलों का शहर हो
लहरों पे अपना एक घर हो
हम जो देखें सपने प्यारे
सच हों सारे, बस और क्या?
सोचो के झीलों का शहर हो
लहरों पे अपना एक घर हो
हम जो देखें सपने प्यारे
सच हों सारे, बस और क्या?
फ़र्श हो प्यार का, खुशबुओं की दीवारें
हम जहाँ बैठ के चैन से दिन गुज़ारें
हाँ, फ़र्श हो प्यार का, खुशबुओं की दीवारें
हम जहाँ बैठ के चैन से दिन गुज़ारें
पलकें उठें, पलकें झुकें
देखे तुझे बस ये नज़र
सोचो के झीलों का शहर हो
लहरों पे अपना एक घर हो
बुमरो-बुमरो, शाम रंग बुमरो
बुमरो-बुमरो, शाम रंग बुमरो
आए हो किस बग़िया से?
हो-ओ-ओ, हो-ओ-ओ तुम
बर्फ़ ही बर्फ़ हो, सर्दियों का हो मौसम
आग के सामने हाथ सेकते हों हम
बर्फ़ ही बर्फ़ हो, सर्दियों का हो मौसम
आग के सामने हाथ सेकते हों हम
बैठी रहूँ आग़ोश में रख के तेरे काँधे पे सर
सोचो के झीलों का शहर हो
लहरों पे अपना एक घर हो
हम जो देखें सपने प्यारे
सच हों सारे, बस और क्या?
सोचो-सोचो, सोचूँ मैं क्या?
सोचो के झीलों का शहर हो
लहरों पे अपना एक घर हो
सोचो के झीलों का शहर हो
लहरों पे अपना एक घर हो
हम जो देखें सपने प्यारे
सच हों सारे, बस और क्या?
सोचो के झीलों का शहर हो
लहरों पे अपना एक घर हो
हम जो देखें सपने प्यारे
सच हों सारे, बस और क्या?
फ़र्श हो प्यार का, खुशबुओं की दीवारें
हम जहाँ बैठ के चैन से दिन गुज़ारें
हाँ, फ़र्श हो प्यार का, खुशबुओं की दीवारें
हम जहाँ बैठ के चैन से दिन गुज़ारें
पलकें उठें, पलकें झुकें
देखे तुझे बस ये नज़र
सोचो के झीलों का शहर हो
लहरों पे अपना एक घर हो
बुमरो-बुमरो, शाम रंग बुमरो
बुमरो-बुमरो, शाम रंग बुमरो
आए हो किस बग़िया से?
हो-ओ-ओ, हो-ओ-ओ तुम
बर्फ़ ही बर्फ़ हो, सर्दियों का हो मौसम
आग के सामने हाथ सेकते हों हम
बर्फ़ ही बर्फ़ हो, सर्दियों का हो मौसम
आग के सामने हाथ सेकते हों हम
बैठी रहूँ आग़ोश में रख के तेरे काँधे पे सर
सोचो के झीलों का शहर हो
लहरों पे अपना एक घर हो
हम जो देखें सपने प्यारे
सच हों सारे, बस और क्या?
Writer(s): Ehsaan Noorani, Shankar Mahadevan, Sameer Anjaan, Aloysuis Peter Mendonsa Lyrics powered by www.musixmatch.com