Udja Kale Kawan - Marriage Songtext
von Udit Narayan & Alka Yagnik
Udja Kale Kawan - Marriage Songtext
ਉੜ ਜਾ ਕਾਲੇ ਕਾਂਵਾਂ, ਤੇਰੇ ਮੂੰਹ ਵਿੱਚ ਖੰਡ ਪਾਵਾਂ
ਲੇ ਜਾ ਤੂੰ ਸੰਦੇਸਾ ਮੇਰਾ, ਮੈਂ ਸਦਕੇ ਜਾਵਾਂ
बाग़ों में फिर झूले पड़ गए
ਪੱਕ ਗਈਆਂ ਮਿੱਠੀਆਂ ਅੰਬੀਆਂ
ये छोटी सी ज़िंदगी
ਤੇ ਰਾਤਾਂ ਲੰਬੀਆਂ-ਲੰਬੀਆਂ
ਓ, ਘਰ ਆਜਾ ਪਰਦੇਸੀ, ਕਿ ਤੇਰੀ-ਮੇਰੀ ਇੱਕ ਜਿੰਦੜੀ
ਓ, ਘਰ ਆਜਾ ਪਰਦੇਸੀ, ਕਿ ਤੇਰੀ-ਮੇਰੀ ਇੱਕ ਜਿੰਦੜੀ
छम-छम करता आया मौसम प्यार के गीतों का
हो, छम-छम करता आया मौसम प्यार के गीतों का
रस्ते पे अखियाँ रस्ता देखें बिछड़े मीतों का
आज मिलन की बात ना छेड़ो, बात ज़ुदाई वाली
मैं चुप, तू चुप, प्यार सुने बस, प्यार ही बोले खाली
ओ, घर आजा परदेशी, कि तेरी मेरी इक जिंदड़ी, होए
ओ, घर आजा परदेशी, कि तेरी मेरी इक जिंदड़ी
ओ, मितरा, ओ, यारा यारी तोड़ के मत जाना, हो
ओ, मितरा, ओ, यारा यारी तोड़ के मत जाना
मैंने जग छोड़ा तू मुझको छोड़ के मत जाना
ऐसा हो नहीं सकता, हो जाए तो मत घबराना
मैं दौड़ी आऊँगी, तू बस एक आवाज़ लगाना
ओ, घर आजा परदेशी, कि तेरी मेरी इक जिंदड़ी
ओ, घर आजा परदेशी, कि तेरी मेरी इक जिंदड़ी
ਉੜ ਜਾ ਕਾਲੇ ਕਾਂਵਾਂ, ਤੇਰੇ ਮੂੰਹ ਵਿੱਚ ਖੰਡ ਪਾਵਾਂ
ਲੇ ਜਾ ਤੂੰ ਸੰਦੇਸਾ ਮੇਰਾ, ਮੈਂ ਸਦਕੇ ਜਾਵਾਂ
बाग़ों में फिर झूले पड़ गए
ਪੱਕ ਗਈਆਂ ਮਿੱਠੀਆਂ ਅੰਬੀਆਂ
ये छोटी सी ज़िंदगी
ਤੇ ਰਾਤਾਂ ਲੰਬੀਆਂ-ਲੰਬੀਆਂ
ओ, घर आजा परदेशी, कि तेरी मेरी इक जिंदड़ी
ओ, घर आजा परदेशी, कि तेरी मेरी इक जिंदड़ी
ओ, घर आजा परदेशी, कि तेरी मेरी इक जिंदड़ी
ओ, घर आजा परदेशी, कि तेरी मेरी इक जिंदड़ी
ਲੇ ਜਾ ਤੂੰ ਸੰਦੇਸਾ ਮੇਰਾ, ਮੈਂ ਸਦਕੇ ਜਾਵਾਂ
बाग़ों में फिर झूले पड़ गए
ਪੱਕ ਗਈਆਂ ਮਿੱਠੀਆਂ ਅੰਬੀਆਂ
ये छोटी सी ज़िंदगी
ਤੇ ਰਾਤਾਂ ਲੰਬੀਆਂ-ਲੰਬੀਆਂ
ਓ, ਘਰ ਆਜਾ ਪਰਦੇਸੀ, ਕਿ ਤੇਰੀ-ਮੇਰੀ ਇੱਕ ਜਿੰਦੜੀ
ਓ, ਘਰ ਆਜਾ ਪਰਦੇਸੀ, ਕਿ ਤੇਰੀ-ਮੇਰੀ ਇੱਕ ਜਿੰਦੜੀ
छम-छम करता आया मौसम प्यार के गीतों का
हो, छम-छम करता आया मौसम प्यार के गीतों का
रस्ते पे अखियाँ रस्ता देखें बिछड़े मीतों का
आज मिलन की बात ना छेड़ो, बात ज़ुदाई वाली
मैं चुप, तू चुप, प्यार सुने बस, प्यार ही बोले खाली
ओ, घर आजा परदेशी, कि तेरी मेरी इक जिंदड़ी, होए
ओ, घर आजा परदेशी, कि तेरी मेरी इक जिंदड़ी
ओ, मितरा, ओ, यारा यारी तोड़ के मत जाना, हो
ओ, मितरा, ओ, यारा यारी तोड़ के मत जाना
मैंने जग छोड़ा तू मुझको छोड़ के मत जाना
ऐसा हो नहीं सकता, हो जाए तो मत घबराना
मैं दौड़ी आऊँगी, तू बस एक आवाज़ लगाना
ओ, घर आजा परदेशी, कि तेरी मेरी इक जिंदड़ी
ओ, घर आजा परदेशी, कि तेरी मेरी इक जिंदड़ी
ਉੜ ਜਾ ਕਾਲੇ ਕਾਂਵਾਂ, ਤੇਰੇ ਮੂੰਹ ਵਿੱਚ ਖੰਡ ਪਾਵਾਂ
ਲੇ ਜਾ ਤੂੰ ਸੰਦੇਸਾ ਮੇਰਾ, ਮੈਂ ਸਦਕੇ ਜਾਵਾਂ
बाग़ों में फिर झूले पड़ गए
ਪੱਕ ਗਈਆਂ ਮਿੱਠੀਆਂ ਅੰਬੀਆਂ
ये छोटी सी ज़िंदगी
ਤੇ ਰਾਤਾਂ ਲੰਬੀਆਂ-ਲੰਬੀਆਂ
ओ, घर आजा परदेशी, कि तेरी मेरी इक जिंदड़ी
ओ, घर आजा परदेशी, कि तेरी मेरी इक जिंदड़ी
ओ, घर आजा परदेशी, कि तेरी मेरी इक जिंदड़ी
ओ, घर आजा परदेशी, कि तेरी मेरी इक जिंदड़ी
Writer(s): Uttam Singh, And Bakshi Lyrics powered by www.musixmatch.com