Yeh Lamha Songtext
von Sunidhi Chauhan
Yeh Lamha Songtext
थकी-थकी सी शाम फिर जवाँ होने लगी
उजालों ने चुराए हैं रात के सब निशाँ अभी-अभी
ज़िंदगी उड़ रही बनके धुआँ-धुआँ
कल मिलें ना मिलें, क्या पता कल कहाँ
आ, सँवारूँ तुझे कि जी लूँ मैं ये लम्हा
जब यहाँ दिल से दिल मिले, फिर से प्यार की एक हवा बहे
बाँहें फैलाए आ गए हैं मिलने को बेक़रार से
ढूँढते-फिरते थे पाने को जिसे
बैठे हैं पहलुओं में लेकर के किसे
हसरतें थी किसी की, किसी के नाम हो गई
थकी-थकी सी शाम फिर जवाँ होने लगी
उजालों ने...
Yeah-yeah, whoa-whoa-oh
Hmm, yeah-eh-eh
आसमाँ से उतरता शोर चमक रहा है पोर-पोर
झिलमिलाती हुई, ये रात गाती हुई
इक सुहागन सी रात ये सुहाना समाँ
कल मिलें ना मिलें, क्या पता कल कहाँ
आ, सँवारूँ तुझे कि जी लूँ मैं...
थकी-थकी सी शाम फिर जवाँ हो गई (हो गई)
थकी-थकी सी शाम फिर जवाँ हो गई (शाम जवाँ)
हाँ, थकी सी शाम फिर जवाँ होने लगी
थकी-थकी, थकी-थकी, थकी
थकी-थकी
उजालों ने चुराए हैं रात के सब निशाँ अभी-अभी
ज़िंदगी उड़ रही बनके धुआँ-धुआँ
कल मिलें ना मिलें, क्या पता कल कहाँ
आ, सँवारूँ तुझे कि जी लूँ मैं ये लम्हा
जब यहाँ दिल से दिल मिले, फिर से प्यार की एक हवा बहे
बाँहें फैलाए आ गए हैं मिलने को बेक़रार से
ढूँढते-फिरते थे पाने को जिसे
बैठे हैं पहलुओं में लेकर के किसे
हसरतें थी किसी की, किसी के नाम हो गई
थकी-थकी सी शाम फिर जवाँ होने लगी
उजालों ने...
Yeah-yeah, whoa-whoa-oh
Hmm, yeah-eh-eh
आसमाँ से उतरता शोर चमक रहा है पोर-पोर
झिलमिलाती हुई, ये रात गाती हुई
इक सुहागन सी रात ये सुहाना समाँ
कल मिलें ना मिलें, क्या पता कल कहाँ
आ, सँवारूँ तुझे कि जी लूँ मैं...
थकी-थकी सी शाम फिर जवाँ हो गई (हो गई)
थकी-थकी सी शाम फिर जवाँ हो गई (शाम जवाँ)
हाँ, थकी सी शाम फिर जवाँ होने लगी
थकी-थकी, थकी-थकी, थकी
थकी-थकी
Writer(s): Prof. R.n. Dubey Lyrics powered by www.musixmatch.com