Piku Songtext
von Sunidhi Chauhan
Piku Songtext
तुम, तूदुम, तुम
तुम, तूदुम, तुम
तुम, तूदुम, तुम
तुम, तूदुम, तुम
सुबह की धूप पे इसी की दस्तख़त है
इसी की रोशनी उड़ी जो हर तरफ है
ये लम्हों की कुंँवे में रोज़ झाँकती है
ये जाके वक्त से हिसाब माँगती है
ये पानी है, ये आग है
ये ख़ुद लिखी किताब है
प्यार की खुराक सी है Piku
सुबह की धूप पे इसी की दस्तख़त है
हा, हा, हा, हाओ
हा, हा, हा, हाओ
हा, हा, हा, हाओ
हा, हा, हा, हाओ
पन्ना साँसों का पलटे
और लिखे उन पे मन की बात रे
लेना इसको क्या किस से?
इसको तो भाया ख़ुद का साथ रे
ओ, ओ बारिश की बूँद जैसी
सर्दी की धुन्ध जैसी
कैसी पहेली इसका हल ना मिले?
कभी ये आसमान उतारती है नीचे
कभी ये भागे ऐसे बादलों के पीछे
इसे हर दर्द घोट जाने का नशा है
करो जो आए जी में इसका फलसफा है
ये पानी है, ये आग है
ये ख़ुद लिखी किताब है
प्यार की खुराक सी है Piku
मोड़े राहों के चेहरे
इसको जाने होता जिस ओर है
ऐसी सरगम सुनाए
ख़ुद इसके सुर है इसके राग रे
ओ, ओ रूठे तो मिर्ची जैसी
हँस दे तो चीनी जैसी
किसी पहेली इसका हल ना मिले
सुबह की धूप पे इसी की दस्तख़त है
इसी की रोशनी उड़ी जो हर तरफ है
ये लम्हों की कुंँवे में रोज़ झाँकती है
ये जाके वक्त से हिसाब माँगती है
ये पानी है, ये आग है
ये ख़ुद लिखी किताब है
प्यार की खुराक सी है Piku
तुम, तूदुम, तुम
तुम, तूदुम, तुम
तुम, तूदुम, तुम
सुबह की धूप पे इसी की दस्तख़त है
इसी की रोशनी उड़ी जो हर तरफ है
ये लम्हों की कुंँवे में रोज़ झाँकती है
ये जाके वक्त से हिसाब माँगती है
ये पानी है, ये आग है
ये ख़ुद लिखी किताब है
प्यार की खुराक सी है Piku
सुबह की धूप पे इसी की दस्तख़त है
हा, हा, हा, हाओ
हा, हा, हा, हाओ
हा, हा, हा, हाओ
हा, हा, हा, हाओ
पन्ना साँसों का पलटे
और लिखे उन पे मन की बात रे
लेना इसको क्या किस से?
इसको तो भाया ख़ुद का साथ रे
ओ, ओ बारिश की बूँद जैसी
सर्दी की धुन्ध जैसी
कैसी पहेली इसका हल ना मिले?
कभी ये आसमान उतारती है नीचे
कभी ये भागे ऐसे बादलों के पीछे
इसे हर दर्द घोट जाने का नशा है
करो जो आए जी में इसका फलसफा है
ये पानी है, ये आग है
ये ख़ुद लिखी किताब है
प्यार की खुराक सी है Piku
मोड़े राहों के चेहरे
इसको जाने होता जिस ओर है
ऐसी सरगम सुनाए
ख़ुद इसके सुर है इसके राग रे
ओ, ओ रूठे तो मिर्ची जैसी
हँस दे तो चीनी जैसी
किसी पहेली इसका हल ना मिले
सुबह की धूप पे इसी की दस्तख़त है
इसी की रोशनी उड़ी जो हर तरफ है
ये लम्हों की कुंँवे में रोज़ झाँकती है
ये जाके वक्त से हिसाब माँगती है
ये पानी है, ये आग है
ये ख़ुद लिखी किताब है
प्यार की खुराक सी है Piku
Writer(s): Manoj Harishchandra Yadav, Anupam Roy Lyrics powered by www.musixmatch.com