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Ajnabi Shehar Songtext
von Sonu Nigam

Ajnabi Shehar Songtext

अजनबी शहर है
अजनबी शाम है
ज़िंदगी अजनबी
क्या तेरा नाम है?

अजीब है ये ज़िंदगी
ये ज़िंदगी अजीब है
ये मिलती है, बिछड़ती है
बिछड़ के फिर से मिलती है

अजनबी शहर है
अजनबी शाम है

आपके बग़ैर भी हमें मीठी लगे उदासियाँ
क्या ये आपका, आपका कमाल है?
शायद आपको ख़बर नहीं, हिल रही है पाँव की ज़मीं
क्या ये आपका, आपका ख़्याल है?


अजनबी शहर में
ज़िंदगी मिल गई

अजीब है ये ज़िंदगी
ये ज़िंदगी अजीब है
मैं समझा था क़रीब हैं
ये औरों का नसीब है

अजनबी शहर है
अजनबी शाम है

बात है ये एक रात की, आप बादलों पे लेटे थे
Hmm, वो याद है आपने बुलाया था
सर्दी लग रही थी आपको, पतली चाँदनी लपेटे थे
और shawl में ख़ाब के सुलाया था

अजनबी ही सही
साँस में सिल गई


अजीब है ये ज़िंदगी
ये ज़िंदगी अजीब है
मेरी नहीं ये ज़िंदगी
रक़ीब का नसीब है

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