Behti Hawa Sa Tha Woh Songtext
von Shantanu Moitra
Behti Hawa Sa Tha Woh Songtext
बहती हवा सा था वो
उड़ती पतंग सा था वो
कहाँ गया उसे ढूँढ़ो
बहती हवा सा था वो
उड़ती पतंग सा था वो
कहाँ गया उसे ढूँढ़ो
हमको तो राहें थी चलाती
वो खुद अपनी राह बनाता
गिरता संभलता, मस्ती में चलता था वो
हमको कल की फ़िक्र सताती
वो बस आज का जश्न मनाता
हर लम्हें को खुलके जीता था वो
कहाँ से आया था वो
छू के हमारे दिल को
कहाँ गया उसे ढूँढ़ो
सुलगती धूप में छाँव के जैसा
रेगिस्तान में गाँव के जैसा
मन के घाव पे मरहम जैसा था वो
हम सेहमें से रहते कुए में
वो नदियाँ में गोते लगाता
उल्टी धारा चीर के तैरता था वो
बादल आवारा था वो
यार हमारा था वो
कहाँ गया उसे ढूँढ़ो
हमको तो राहें थी चलाती
वो खुद अपनी राह बनाता
गिरता संभलता, मस्ती में चलता था वो
हमको कल की फ़िक्र सताती
वो बस आज का जश्न मनाता
हर लम्हें को खुलके जीता था वो
कहाँ से आया था वो
छू के हमारे दिल को
कहाँ गया उसे ढूँढ़ो
उड़ती पतंग सा था वो
कहाँ गया उसे ढूँढ़ो
बहती हवा सा था वो
उड़ती पतंग सा था वो
कहाँ गया उसे ढूँढ़ो
हमको तो राहें थी चलाती
वो खुद अपनी राह बनाता
गिरता संभलता, मस्ती में चलता था वो
हमको कल की फ़िक्र सताती
वो बस आज का जश्न मनाता
हर लम्हें को खुलके जीता था वो
कहाँ से आया था वो
छू के हमारे दिल को
कहाँ गया उसे ढूँढ़ो
सुलगती धूप में छाँव के जैसा
रेगिस्तान में गाँव के जैसा
मन के घाव पे मरहम जैसा था वो
हम सेहमें से रहते कुए में
वो नदियाँ में गोते लगाता
उल्टी धारा चीर के तैरता था वो
बादल आवारा था वो
यार हमारा था वो
कहाँ गया उसे ढूँढ़ो
हमको तो राहें थी चलाती
वो खुद अपनी राह बनाता
गिरता संभलता, मस्ती में चलता था वो
हमको कल की फ़िक्र सताती
वो बस आज का जश्न मनाता
हर लम्हें को खुलके जीता था वो
कहाँ से आया था वो
छू के हमारे दिल को
कहाँ गया उसे ढूँढ़ो
Writer(s): Shantanu Moitra, Swanand Kirkire Lyrics powered by www.musixmatch.com