Aankhein Khull Songtext
von Shahrukh Khan
Aankhein Khull Songtext
एक लड़की थी दीवानी सी, एक लड़के पे वो मरती थी
नज़रें झुका के, शरमा के गलियों से गुज़रती थी
चोरी-चोरी, चुपके-चुपके चिट्ठियाँ लिखा करती थीं
कुछ कहना था शायद उसको, जाने किससे डरती थी
जब भी मिलती थी मुझसे, मुझसे पूछा करती थी
"प्यार कैसे होता है? ये प्यार कैसे होता है?"
और मैं सिर्फ़ यही कह पाता था
"आँखें खुली हों या हों बंद, दीदार उनका होता है
कैसे कहूँ मैं, ओ, यारा, ये प्यार कैसे होता है?"
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
Hey, आँखें खुली हों या हों बंद, दीदार उनका होता है
आँखें खुली हों या हों बंद, दीदार उनका होता है
कैसे कहूँ मैं, ओ, यारा, ये प्यार कैसे होता है?
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
आँखें खुली हों या हों बंद, दीदार उनका होता है
कैसे कहूँ मैं, ओ, यारा, ये प्यार कैसे होता है?
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
आज ही, यारों, किसी पे मर के देखेंगे हम
प्यार होता है ये कैसे, कर के देखेंगे हम
किसी की यादों में खोए हुए
ख़्वाबों को हमने सजा लिया
किसी की बाँहों में सोए हुए
अपना उसे बना लिया
ऐ यार, प्यार में कोई...
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
ऐ यार, प्यार में कोई ना जागता, ना सोता है
कैसे कहूँ मैं, ओ, यारा, ये प्यार कैसे होता है?
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
क्या है ये, जादू है कोई, बस जो चल जाता है
तोड़ के पहरे हज़ारों, दिल निकल जाता है
दूर कहीं आसमानों पर
होते हैं ये सारे फ़ैसले
कौन जाने कोई हमसफ़र
कब, कैसे, कहाँ मिले
जो नाम दिल पे हो लिखा...
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
जो नाम दिल पे हो लिखा, इक़रार उसी से होता है
कैसे कहूँ मैं, ओ, यारा, ये प्यार कैसे होता है?
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
आँखें खुली हों या हों बंद, दीदार उनका होता है
आँखें खुली हों या हों बंद, दीदार उनका होता है
कैसे कहूँ मैं, ओ, यारा, ये प्यार कैसे होता है?
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
नज़रें झुका के, शरमा के गलियों से गुज़रती थी
चोरी-चोरी, चुपके-चुपके चिट्ठियाँ लिखा करती थीं
कुछ कहना था शायद उसको, जाने किससे डरती थी
जब भी मिलती थी मुझसे, मुझसे पूछा करती थी
"प्यार कैसे होता है? ये प्यार कैसे होता है?"
और मैं सिर्फ़ यही कह पाता था
"आँखें खुली हों या हों बंद, दीदार उनका होता है
कैसे कहूँ मैं, ओ, यारा, ये प्यार कैसे होता है?"
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
Hey, आँखें खुली हों या हों बंद, दीदार उनका होता है
आँखें खुली हों या हों बंद, दीदार उनका होता है
कैसे कहूँ मैं, ओ, यारा, ये प्यार कैसे होता है?
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
आँखें खुली हों या हों बंद, दीदार उनका होता है
कैसे कहूँ मैं, ओ, यारा, ये प्यार कैसे होता है?
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
आज ही, यारों, किसी पे मर के देखेंगे हम
प्यार होता है ये कैसे, कर के देखेंगे हम
किसी की यादों में खोए हुए
ख़्वाबों को हमने सजा लिया
किसी की बाँहों में सोए हुए
अपना उसे बना लिया
ऐ यार, प्यार में कोई...
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
ऐ यार, प्यार में कोई ना जागता, ना सोता है
कैसे कहूँ मैं, ओ, यारा, ये प्यार कैसे होता है?
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
क्या है ये, जादू है कोई, बस जो चल जाता है
तोड़ के पहरे हज़ारों, दिल निकल जाता है
दूर कहीं आसमानों पर
होते हैं ये सारे फ़ैसले
कौन जाने कोई हमसफ़र
कब, कैसे, कहाँ मिले
जो नाम दिल पे हो लिखा...
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
जो नाम दिल पे हो लिखा, इक़रार उसी से होता है
कैसे कहूँ मैं, ओ, यारा, ये प्यार कैसे होता है?
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
आँखें खुली हों या हों बंद, दीदार उनका होता है
आँखें खुली हों या हों बंद, दीदार उनका होता है
कैसे कहूँ मैं, ओ, यारा, ये प्यार कैसे होता है?
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
(तू-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु-रु, तू-रु-रु-रु-रु)
Writer(s): Anand Bakshi, Jatin Pandit, Lalitraj Pandit Lyrics powered by www.musixmatch.com