Man Bawra Songtext
von Rahat Fateh Ali Khan
Man Bawra Songtext
(सा, सा, नि, सा)
(सा, सा, नि, सा, रे, सा)
(सा, सा, नि, सा)
(सा, सा, नि, सा, रे, सा)
सा, रे, गा, सा, रे, प, म, ग, सा, रे, गा, सा, रे
सा, रे, गा, सा, रे, प, म, ग, सा, रे, गा, सा, रे, गा
रे, गा, मा, ध-ध, प, ध, म, गा, म, रे, नि, ध, प
सा, रे, गा, सा, रे, प, म, ग, सा, रे, गा, रे, सा
सा, रे, गा, सा, रे, प, म, ग, सा, रे, गा, रे, सा
मन बाँवरा तुझे ढूँढता
मन बाँवरा तुझे ढूँढता
पाने की, खोने की पैमाइशें
जीने की सारी मेरी ख़्वाहिशें
पाने की, खोने की पैमाइशें
जीने की सारी मेरी ख़्वाहिशें
आसमाँ, ये जहाँ, सब लगे ठहरा
मन बाँवरा तुझे ढूँढता
मन बाँवरा तुझे ढूँढता
बदगुमाँ था, नादाँ ये दिल, धड़केगा ना कभी
होश खो बैठा है पागल, रूठी है ज़िंदगी
बदगुमाँ था, नादाँ ये दिल, धड़केगा ना कभी
होश खो बैठा है पागल, रूठी है ज़िंदगी
ख़ुद से बातें कर करके हँसना
भीड़ में भी तन्हा सा लगना
बज रही हैं जलतरंगे, साँसों के दरम्याँ
मन बाँवरा तुझे ढूँढता
मन बाँवरा तुझे ढूँढता
उन्सियत के ख़्वाब चुनकर कटती रातें मेरी
इल्तिजा-ए-दीद लेकर भटके आँखें मेरी
उन्सियत के ख़्वाब चुनकर कटती रातें मेरी
इल्तिजा-ए-दीद लेकर भटके आँखें मेरी
मीलों लम्बे ये फ़ासले हैं
बस तसव्वुर के सिलसिले हैं
रत जगे गुमसुम पड़े हैं, पलकों पे राह हैरान
मन बाँवरा तुझे ढूँढता
मन बाँवरा तुझे ढूँढता
पाने की, खोने की पैमाइशें
जीने की सारी मेरी ख़्वाहिशें
पाने की, खोने की पैमाइशें
जीने की सारी मेरी ख़्वाहिशें
आसमाँ, ये जहाँ, सब लगे ठहरा
मन बाँवरा तुझे ढूँढता
मन बाँवरा तुझे ढूँढता
तुझे ढूँढता, तुझे ढूँढता
(सा, सा, नि, सा, रे, सा)
(सा, सा, नि, सा)
(सा, सा, नि, सा, रे, सा)
सा, रे, गा, सा, रे, प, म, ग, सा, रे, गा, सा, रे
सा, रे, गा, सा, रे, प, म, ग, सा, रे, गा, सा, रे, गा
रे, गा, मा, ध-ध, प, ध, म, गा, म, रे, नि, ध, प
सा, रे, गा, सा, रे, प, म, ग, सा, रे, गा, रे, सा
सा, रे, गा, सा, रे, प, म, ग, सा, रे, गा, रे, सा
मन बाँवरा तुझे ढूँढता
मन बाँवरा तुझे ढूँढता
पाने की, खोने की पैमाइशें
जीने की सारी मेरी ख़्वाहिशें
पाने की, खोने की पैमाइशें
जीने की सारी मेरी ख़्वाहिशें
आसमाँ, ये जहाँ, सब लगे ठहरा
मन बाँवरा तुझे ढूँढता
मन बाँवरा तुझे ढूँढता
बदगुमाँ था, नादाँ ये दिल, धड़केगा ना कभी
होश खो बैठा है पागल, रूठी है ज़िंदगी
बदगुमाँ था, नादाँ ये दिल, धड़केगा ना कभी
होश खो बैठा है पागल, रूठी है ज़िंदगी
ख़ुद से बातें कर करके हँसना
भीड़ में भी तन्हा सा लगना
बज रही हैं जलतरंगे, साँसों के दरम्याँ
मन बाँवरा तुझे ढूँढता
मन बाँवरा तुझे ढूँढता
उन्सियत के ख़्वाब चुनकर कटती रातें मेरी
इल्तिजा-ए-दीद लेकर भटके आँखें मेरी
उन्सियत के ख़्वाब चुनकर कटती रातें मेरी
इल्तिजा-ए-दीद लेकर भटके आँखें मेरी
मीलों लम्बे ये फ़ासले हैं
बस तसव्वुर के सिलसिले हैं
रत जगे गुमसुम पड़े हैं, पलकों पे राह हैरान
मन बाँवरा तुझे ढूँढता
मन बाँवरा तुझे ढूँढता
पाने की, खोने की पैमाइशें
जीने की सारी मेरी ख़्वाहिशें
पाने की, खोने की पैमाइशें
जीने की सारी मेरी ख़्वाहिशें
आसमाँ, ये जहाँ, सब लगे ठहरा
मन बाँवरा तुझे ढूँढता
मन बाँवरा तुझे ढूँढता
तुझे ढूँढता, तुझे ढूँढता
Writer(s): Afsar Sajid, Shahab Allahabadi Lyrics powered by www.musixmatch.com