Samdhi Samdhan Songtext
von Raam Laxman
Samdhi Samdhan Songtext
आज हमारे दिल में...
आज हमारे दिल में अजब ये उलझन है
गाने बैठे गाना, सामने समधन है
हम कुछ आज सुनाएँ, ये उनका भी मन है
गाने बैठे गाना, सामने समधन है
कानों की बालियाँ चाँद-सूरज लगे
हो, कानों की बालियाँ चाँद-सूरज लगे
ये बनारस की साड़ी ख़ूब सजे
राज़ की बात बताएँ...
हाँ, राज़ की बात बताएँ, समधी जी घायल है
आज भी जब समधन की खनकती पायल है
(हाँ, राज़ की बात बताएँ, समधी जी घायल है)
(आज भी जब समधन की खनकती पायल है)
होंठों की ये हँसी, आँखों की ये हया
Hmm, होंठों की ये हँसी, आँखों की ये हया
इतनी मासूम तो होती है बस दुआ
राज़ की बात बताएँ...
हाँ, राज़ की बात बताएँ, समधी ख़ुशक़िस्मत है
लक्ष्मी है समधन जी, जिनसे घर जन्नत है
(हाँ, राज़ की बात बताएँ, समधी ख़ुशक़िस्मत है)
(लक्ष्मी है समधन जी, जिनसे घर जन्नत है)
आज हमारे दिल में अजब ये उलझन है
सामने समधी जी, गा रही समधन है
हम को जो है निभाना, वो नाज़ुक बंधन है
सामने समधी जी, गा रही समधन है
मेरी छाया है जो आप के घर चली
मेरी छाया है जो आप के घर चली
सपना बनके मेरी पलकों में है पली
राज़ की बात बताएँ...
ओ, राज़ की बात बताएँ, ये पूँजी जीवन की
शोभा आज से है ये आप के आँगन की
(राज़ की बात बताएँ, ये पूँजी जीवन की)
(शोभा आज से है ये आप के आँगन की)
(राज़ की बात बताएँ, ये पूँजी जीवन की)
(शोभा आज से है ये आप के आँगन की)
आज हमारे दिल में अजब ये उलझन है
गाने बैठे गाना, सामने समधन है
हम कुछ आज सुनाएँ, ये उनका भी मन है
गाने बैठे गाना, सामने समधन है
कानों की बालियाँ चाँद-सूरज लगे
हो, कानों की बालियाँ चाँद-सूरज लगे
ये बनारस की साड़ी ख़ूब सजे
राज़ की बात बताएँ...
हाँ, राज़ की बात बताएँ, समधी जी घायल है
आज भी जब समधन की खनकती पायल है
(हाँ, राज़ की बात बताएँ, समधी जी घायल है)
(आज भी जब समधन की खनकती पायल है)
होंठों की ये हँसी, आँखों की ये हया
Hmm, होंठों की ये हँसी, आँखों की ये हया
इतनी मासूम तो होती है बस दुआ
राज़ की बात बताएँ...
हाँ, राज़ की बात बताएँ, समधी ख़ुशक़िस्मत है
लक्ष्मी है समधन जी, जिनसे घर जन्नत है
(हाँ, राज़ की बात बताएँ, समधी ख़ुशक़िस्मत है)
(लक्ष्मी है समधन जी, जिनसे घर जन्नत है)
आज हमारे दिल में अजब ये उलझन है
सामने समधी जी, गा रही समधन है
हम को जो है निभाना, वो नाज़ुक बंधन है
सामने समधी जी, गा रही समधन है
मेरी छाया है जो आप के घर चली
मेरी छाया है जो आप के घर चली
सपना बनके मेरी पलकों में है पली
राज़ की बात बताएँ...
ओ, राज़ की बात बताएँ, ये पूँजी जीवन की
शोभा आज से है ये आप के आँगन की
(राज़ की बात बताएँ, ये पूँजी जीवन की)
(शोभा आज से है ये आप के आँगन की)
(राज़ की बात बताएँ, ये पूँजी जीवन की)
(शोभा आज से है ये आप के आँगन की)
Writer(s): Raam Laxman, Ravinder Rawal Lyrics powered by www.musixmatch.com